पुत्र द्वारा अपनी माता के नेत्रदान से दो नेत्रहीनों को मिलेगी नई नेत्र ज्योति, मृत्यु के बाद भी विमलाबेन लोढ़ा की आंखें देखेगी दुनिया-
रणवीर सिंह चौहान
भवानी मंडी/स्मार्ट हलचल/भवानीमंडी में नेत्रदान के प्रति लगातार जागरूकता बढ़ती जा रही है और नागरिक स्वयं पहल करके इसके लिए आगे आने लगे हैं।भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी कमलेश गुप्ता दलाल ने बताया कि शनिवार को जैन सोशल फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं ज्योति मित्र विवेक जैन पिंटू की माता विमलाबेन लोढ़ा के निधन के पश्चात परिवार ने सबसे पहले नेत्रदान का निर्णय लिया, एवं खाद्य व्यापार महासंघ जिलाध्यक्ष राजेश नाहर की सूचना पर शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ ने ज्योति-रथ से दोपहर 3 बजे भवानीमंडी पहुंचकर कोर्निया प्राप्त किया। प्रातः 10 बजे डॉ कुलवंत गौड़ को सूचना मिलने पर वह ज्योति-रथ को स्वयं चलाते हुए भवानीमंडी के लिए निकल गए थे परंतु दरा में जाम के कारण वह 5 घंटे में भवानीमंडी पहुंच पाए इससे पहले अंतिम संस्कार का समय 2 बजे निर्धारित किया जा चुका था परंतु नेत्रदान के लिए परिवार ने अंतिम संस्कार के समय को 2 घंटा विलंब से किया। नेत्रदान प्रक्रिया में अशोक लोढ़ा, पीयूष जैन, प्रदीप जैन आवर, शीतल जैन, विकास डड्डा, राजकुमार बागड़िया, प्रसन्न लोढ़ा आदि ने सहयोग किया। समाजसेवी एवं धार्मिक परिवार होने के कारण नेत्रदान प्रक्रिया के समय बड़ी संख्या में समाज के सदस्य एवं महिलाएं उपस्थित थी, सभी ने नेत्रदान प्रक्रिया को सामने अपनी आंखों से देखा और महसूस किया कि नेत्रदान प्रक्रिया में चेहरे पर कोई विकृति नहीं आती है।
नेत्र उत्सरक डॉ कुलवंत गौड़ के अनुसार मृतका का कोर्निया अच्छा पाया गया है, जिसे आई बैंक जयपुर भिजवाया जा रहा है जहां यह प्रत्यारोपित होकर दो नेत्रहीनों को नई ज्योति प्रदान कर सकेगा।
नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल के अनुसार शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से यह भवानीमंडी क्षेत्र से प्राप्त 125 वाँ नेत्रदान है, वही यह इस वर्ष का 25 वाँ नेत्रदान प्राप्त हुआ है। ज्योति मित्र विवेक जैन पिंटू के द्वारा लगातार लंबे समय से नगरवासियों को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिसके लिए 7 दिसंबर को कोटा में उनका सम्मान भी हुआ था, ऐसे में जब परिवार में यह प्रसंग हुआ तो उन्होंने सबसे पहले नेत्रदान का ही निर्णय लिया।