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रबी फसल की बुआई में जुटे किसान, गेंहूं, चना का अधिक रकबा होने से डीएपी की मांग भी अधिक

3420 हैक्टर मे सरसो की बुआई होने के अंतिम दौर चल रहा है कुल 6062 हैक्टर क्षेत्र मे बुआई हो चुकी है

हरनावदाशाहजी. स्मार्ट हलचल/मौसम जैसे-जैसे बदलता जा रहा है, खेती-किसानी का कार्य वैसे-वैसे आगे बढ़ता जा रहा है। मौसम में नमी से किसान सुबह होते ही ट्रैक्टर व मजदूर लेकर खेत की ओर निकल पड़ रहे हैं। मौसम में बदलवा का ही असर है कि किसान खरीफ सीजन के बाद अब रबी फसल की खेती में जुट गये हैं। खेत की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। मौजूदा समय में किसान चना, मटर और सरसों की बुआई कर रहे हैं। इधर, सब्जियों में फूलगोभी, बंधगोभी, मूली, टमाटर, बैगन व मिर्च आदि फसलों की खेती में लगे हुए हैं। खेत की जुताई का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। किसानों ने बताया की जलाशयों में पानी की उपलब्धता पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कम ही है। बावजूद किसान अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए खेती में जुट गए हैं। दीपोत्सव के बाद इन दिनों रबी बुवाई ने जोर पकड़ लिया है। क्षेत्र में कई स्थानों पर किसानों ने कुछ फसलों की बुवाई कर दी है। वहीं कई स्थानों पर बुवाई की जा रही है। ऐसे में खाद की भी आवश्यकता होने लगी है। बुवाई को लेकर भूमिपुत्र भी खेतों में व्यस्त हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर अभी आवश्यकता के अनुसार डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। हालांकि अभी रेलणी का दौर चल रहा है। जिससे प्रमुख रूप से डीएपी की आवश्यकता पड़ रही। लेकिन कई जगह पर खाद की कमी होने से किसानों को एनपीके व एसएसपी से ही काम चलाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि कस्बे सहित क्षेत्र में रबी बुवाई का दौर शुरू हो गया है। इस बार जहां पानी की उपलब्धता होने से गेहूं का रकबा भी बढ़ेगा। वहीं बुवाई के दौरान अधिकांश फसलों में डीएपी की आवश्यकता होती है। लेकिन अधिकांश इलाकों में डीएपी की कमी है। जिससे किसानों को अन्य खाद का उपयोग करना पड़ रहा हैै। वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग का कहना है कि बुवाई के आधार पर प्रति माह के लिए मांग के आधार पर खाद की उपलब्धता के लिए संबंधित विभाग और कंपनियों से आपूर्ति करवाई जा रही है। कस्बे सहित क्षेत्र में डीएपी की आपूर्ति कम हो रही है। किसानों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को किसानों की समस्या पर ध्यान देकर पर्याप्त खाद मंगवाना चाहिए।

गेहूं-चना और सरसों की बुवाई अधिक

किसान आगामी फसल के लिए अपने खेतों की हकाई, जुताई करके एवं रोटावेटर से समतलीकरण करने में जुटे हुए हैं, जिससे वह आगामी फसल के लिए खेत को तैयार कर सकें। बता दें कि क्षेत्र में रबी फसल में गेंहूं, चना, मसूर आदि की बोनी की तैयारी किसानों ने शुरू कर दी है। जिन किसानों के पास सिंचाई के अपने खुद के साधन हैं उन्होंने खेत तैयार करके खेतों में पानी देना भी शुरू कर दिया है।
कस्बे समेत क्षेत्र में इन दिनों किसान वर्ग खेतों में व्यस्त है, किसान रबी फसल की बुवाई में जुटे हुए है। कहीं हंकाई की जा रही है, तो कहीं खेतों में बुवाई की जा रही है। ऐसे में किसान वर्ग अपने खेत-कुओं पर दिनभर कार्य करने में जुटे हुए है। इस बार गेहूं, चना, सरसो, मैथी,लहसुन, अलसी आदि फसलों की बुवाई अधिक की जा रही है। इसके साथ ही कुछ जगह खेतों में नमी को देखते हुए मसूर व चना की बुवाई भी की गई है।

मांग के अनुरूप नहीं मिल रहा डीएपी

गौरतलब है कि जिलेभर में दीपावली के बाद से ही रबी की बुवाई ने जोर पकड़ लिया है। इससे अभी विशेषकर डीएपी खाद की अधिक आवश्यकता हो रही है। जिससे किसानों को खाद नहीं मिलने की परेशानी हो रही है। कई खेतों में बुवाई के बाद रेलणी भी की जा रही है। किसान बुवाई के साथ ही गेंहूं व सरसों, चना, मसूर, अलसी आदि फसलों की बुवाई केस साथ ही डीएपी की ज़रुरत पड़ रही है। किसानों को बुवाई के समय डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

समय पर उपलब्ध हो खाद

गत कई वर्षों से किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पाता है। सहकारी समितियों में यह समस्या प्रति वर्ष की रहती है। ऐसे में किसानों को समय पर खाद के लिए बाजार पर निर्भर रहना पड़ता है। अधिक रुपए देकर खाद लेना पड़ रहा है। जिले में डीएपी खाद कहीं भी नहीं मिल रहा है। कृषि विभाग व जिले के जनप्रतिनिधियों को पहल कर पर्याप्त खाद मंगवाना चाहिए।
सहायक कृषि पर्यवेक्षक पुष्पेन्द्र नागर ने बताया कि सोमवार तक सरसो की बुआई 3420 हैक्टर मे हो चुकी है। सरसो की बुआई का यह अंतिम दौर है। गेंहू 1112 हैक्टर, चना 860 हैक्टर, लहसुन 570 हैक्टर, हरा चारा 60 हैक्टर, सब्ज़ी 40 हैक्टर तथा अन्य फसले समेत कुल 6062 हैक्टर क्षेत्र मे बुआई हो चुकी है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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