—-> सरसों, चना, मटर, मसूर ,गेंहू की बुआई भी होगी प्रभावित।
महेंद्र कुमार सैनी
स्मार्ट हलचल/नगर फोर्ट सोमवार अल सुबह से हो रही लगातार बारिश से किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले लगातार बारिश की वजह से ज्वार,बाजरा,मक्का तिल , उड़द मूंग की फसल को नुकसान पहुंचाया हैं।अधिक बारिश के कारण रबी की फसलों की बुवाई में देरी हुई है, क्योंकि खेतों में अधिक नमी और पानी भरा होने से मिट्टी तैयार नहीं हो पाती है। यह देरी खरीफ की फसल के कटाई के बाद रबी की बुवाई के लिए उपयुक्त समय से शुरू नहीं होने के कारण हुई है, जिससे बुआई की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है।अधिक नमी और जलभराव खेतों में पानी जमा होने के कारण, जो मिट्टी को जुताई और बुवाई के लिए तैयार करने से रोकता है, बुआई में देरी हुई है।
रबी की बुआई के लिएअक्टूबर से नवंबर के मध्य तक की जाती है, लेकिन ज़्यादा बारिश के कारण यह सही समय निकल गया है। कुछ स्थानों पर बारिश ने खरीफ फसलों की कटाई में भी देरी की है, जिससे रबी की बुआई पहले शुरू नहीं हो सकी। देरी के बावजूद, कुछ स्थानों पर बुवाई का काम चल रहा है, लेकिन यह सामान्य से बहुत धीमी गति से हो रहा है।मिट्टी में बहुत ज़्यादा नमी होने के कारण कुछ रबी फसलों के उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है।रविवार की देर रात से बारिश की झड़ी लग गई।अधिक बारिश ने एक बार फिर किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है। बताया जा रहा है कि आगामी 28 अक्टूबर तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने की संभावना है। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि जिन किसानों ने सरसों, चना, मसूर, मटर फसल की बुआई कर रखी हे इस बीच मौसम में परिवर्तन और बारिश से फसलें प्रभावित हो सकती हे।
मौसम में आए परिवर्तन के साथ ही ठंड का असर भी बढऩे लगा है। पिछले कुछ दिनों से दिन में तपिश और रात में ठंडक का अहसास हो रहा था। आसमान में बादलों के डेरा व बारिश ने मौसम में नमी घोलने का काम किया है। आगामी दो से तीन दिन बाद मौसम खुलते ही ठंड का असर और बढ़ेगा।


