लाखेरी -स्मार्ट हलचल|प्रदेशभर में खाद संकट लगातार गहराता जा रहा है, और इसका सबसे बड़ा खामियाज़ा अन्नदाता भुगत रहा है। रबी सीज़न की मुख्य फसलों को तैयार करने के लिए किसानों को कम से कम 15 से 20 कट्टे खाद की आवश्यकता होती है, लेकिन गोदामों पर पहुँचने पर उन्हें सिर्फ 1–2 कट्टे ही थमा दिए जा रहे हैं।
किसान इसे उंट के मुँह में जीरा बताकर अपनी मजबूरी और पीड़ा जाहिर कर रहे हैं।
कस्बे में सुबह 8 बजे से कतारों में खड़े किसान
कई इलाकों में किसान सुबह आठ बजे से ही गोदामों के बाहर लाइन में लग जाते हैं। टोकन लेने के बाद भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। मगर इतने लंबे इंतजार के बाद भी सिर्फ 1–2 कट्टे मिलने पर किसानों में भारी नाराजगी है।
पर्याप्त आपूर्ति नहीं, गोदामों पर हाहाकार
खाद की सप्लाई कम होने से कई केंद्रों पर भीड़ बढ़ती जा रही है। कई बार गोदामों पर खाद खत्म होने की घोषणा कर दी जाती है, जिससे किसान खाली हाथ लौटने को मजबूर हो जाते हैं। किसानों का कहना है कि इतनी कम मात्रा में खाद मिलने से फसल की बढ़वार पर सीधा असर पड़ रहा है और उत्पादन चौपट होने का खतरा बढ़ गया है।
फसलों का भविष्य अधर में किसान चिंतित
किसानों ने बताया कि अगर समय पर पर्याप्त खाद नहीं मिली तो गेहूं, चने, सरसों एवं अन्य फसलों की उपज पर बड़ा असर पड़ेगा। कर्ज लेकर बीज खेती की तैयारी कर चुके हैं, अब खाद की कमी सबसे बड़ी मार है।
प्रशासन से तत्काल सप्लाई बढ़ाने की मांग
किसानों और किसान संगठनों ने सरकार व प्रशासन से तत्काल कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि खाद की आपूर्ति बढ़ाई जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके और रबी सीज़न की फसलें बचाई जा सकें।


