क्षेत्र में अधिकांश किसानों की फसले नष्ट होने के कगार पर।
चिंता में किसान,उत्पादन में आ रही कमी।
(किशन वैष्णव)
शाहपुरा@स्मार्ट हलचल/क्षेत्र में किसानों ने बड़ी उम्मीद से इस वर्ष अच्छी बारिश के चलते अन्य फसलों को तवज्जू देने के बजाय अधिक उत्पादन की चाह में चने की फसल की अत्यधिक बुवाई की है।लेकिन वही चने की फसल अब किसानों के मनसूबों पर पानी फेरती प्रतीत हो रही है।किसान शंभू लाल ने बताया की क्षेत्र में करीब 60 प्रतिशत से अधिक किसानों के खेतो में चने की फसल में झुलसा रोग के कारण पत्तियाँ झुलस रही हैं, डंठल सड़ रहे हैं और फूल-फल झड़कर फसल नष्ट हो गई है।जिससे उत्पादन में कमी आ रही है।इस बात को लेकर किसान चिंतित हैं।किसान संभू लाल दरोगा ने बताया की चने की फसल को लेकर शुरुआत में किसानों के चहरे पर मुस्कान थी और अच्छी पैदावार के संकेत भी अच्छी फली फूली फसल द्वारा दिए जा रहे थे। लेकिन अंतिम छोर में फसल पकने के करीब आते आते किसानों को मायूसी छा रही है।महंगे अच्छे किस्म के बीज की बुवाई करने करने के बाद भी चने की फसल में किसानों की मंसानुरूप पैदावार के संकेत नही लग रहे हैं।कई खेतो में तो जगह जगह झुंड के झुंड पौधे झुलस गए हैं और उसमे बीमारियां फेल रही है।ऐसे में कृषि विभाग को चने की फसल बचाव को लेकर विशेष उपाय बताने व राहत शिविरों का आयोजन करना चाहिए।जिससे भविष्य में किसानों को उचित सलाह या जानकारी मिल सके।किसान शंभू लाल ने बताया की कई किसानों के खेतो में छोटे छोटे टुकड़ों में और कई किसानों के खेतो में बड़ी संख्या में झुलसा बीमारी का प्रभाव दिखाई दे रहा है।सरकार की ओर से प्रभावी गिरदावरी करवाकर किसानों को राहत प्रदान करने की मांग की गई। जड़ गलन रोग ने चने के पौधों की वृद्धि को प्रभावित किया है, जिससे चने का दाना हल्का रह जाता है और उसकी गुणवत्ता कम हो जाती है।चने की फसल में फली छेदक कीट लगने का खतरा बढ़ गया है. उकठा रोग,जड़ सड़न और तना सड़न जैसे रोगों के कारण चने की फसले नष्ट हो गई। इस बीमारी से किसान फसल बचाव के प्रयास करे तो क्या करे।कुछ किसान एन केन प्रकार से फसल बचाव के प्रयास कर भी रहे हैं तो असफलता हाथ लग रही है।सर्वप्रथम में फसले मुर्जा रही है तथा धीरे धीरे पत्ते पीले पड़कर सुख रहे और डंठल सड़कर पौधे में काली रेसेनुमा बीमारी फेलकर पौधे नष्ट हो गए।किसान शंभू लाल दरोगा ने बताया की फसल नष्ट होने से चिंतित किसान रामबीर चौपड़ा,गोपाल गुर्जर,रामकिशन गुर्जर,कालू राम धोबी,रामस्वरूप तेली, गुदड़मल तेली,राजू शर्मा, गांव बालसिंह सहित किसान बैठक कर अधिकारियों और नेताओ तक अपनी समस्या से अवगत कराने की रणनीति बना रहे हैं।