किसानों को कलक्टर की वार्ता संदेश का इंतजार
स्मार्ट हलचल टोंक/किसान महापंचायत के बैनर तले अपनी मांगों व समस्याओं को लेकर पिछले 7 दिन से कृषि उपज मंडी टोंक में निरंतर धरना प्रदर्शन जारी है जिला प्रशासन द्वारा किसानों की समस्याओं पर उदासीनता नजर आ रही है यह छोटा सा आंदोलन बड़ा रूप भी ले सकता है।राजस्थान सहित देश मे किसानों के बड़े बड़े आंदोलनों का इतिहास रहा है पर जिला कलक्टर सौम्या झा सहित जिले के आला अधिकारी भी किसानों को हल्के में लेते हुये प्रशासन का तानाशाही रवैया होने से धीरे धीरे किसानों में आक्रोश व नाराजगी बनती जा रही है।किसान महापंचायत के युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी ने बताया की कलेक्टर कार्यालय से मात्र 2 किलोमीटर दूरी पर किसान पिछले सात दिवसों से पड़ाव पर बैठे हुए हैं किंतु अभी तक जिला कलेक्टर ने किसानों से वार्ता तक नहीं की है। इस देरी के कारण कहीं किसानों में आक्रोश उत्पन्न नहीं हो जाए यदि किसानों में आक्रोश उत्पन्न होगा तो पिछले वर्ष भी 21 फरवरी2024, 15 मार्च 2024 एवं 23 फरवरी 2025 को किसान महापंचायत द्वारा ट्रैक्टर रैली की जा चुकी है यह ट्रैक्टर फिर सड़कों पर दिखाई देंगे जिसको कमजोर आंकलन करना जिला प्रशासन की उदासीनता लापरवाही प्रतीत हो रही है।इसी प्रकार का आंकलन समरावता गांव वासियों के आन्दोलन को भी नजर अंदाज किया गया था इसके कारण टोंक जिले के शांतिप्रिय नागरिकों की जायज मांगों को भी नजर अंदाज किया गया जो आज पूरे देश का आंदोलन नजर आ रहा है।यह किसान आंदोलन भी टोंक जिले के 1120 गांवों से जुड़ा हुआ है किसान अभी तो इंतजार कर रहे हैं कि कलेक्टर किसानों की जायज मांगें मान कर मांगों को राज्य सरकार तक भेजे किंतु यह प्रशासन की बड़ी चूक व लापरवाही साबित हो सकती है।