अहम छोड़िए, आभार अपनाइए – जीवन बन जाएगा सरल: मोटिवेशनल गुरु गौर गोपाल दास
“सफलता तितली की तरह है, पीछे भागो तो दूर जाएगी, योग्य बनो तो खुद आकर कदम चूमेगी” – गौर गोपाल दास
कोटा। स्मार्ट हलचल|यंग इंडियन कोटा चैप्टर द्वारा शनिवार को जवाहर नगर ऑडिटोरियम में प्राइड ऑफ कोटा समारोह आयोजित हुआ। संस्था की चेयर साक्षी जैन और को-चेयर अंकित राठी ने बताया कि शिक्षा,पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण और खेल जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले श्रेष्ठ व्यक्तित्वों व संस्थाओं को सम्मानित किया गया।
साक्षी जैन ने बताया कि कार्यक्रम में सम्मानित विभूतियों में ख्यातनाम शिक्षिका शोभा कँवर जिन्होने कौन बनेगा करोड़पति (KBC) तक पहुँचने वाली शिक्षा विभाग की पहली महिला शिक्षिका के रूप में उन्होंने जीती हुई लाखों की राशि भी विद्यार्थियों को समर्पित कर दी।राष्ट्रपति पुरस्कार हेतु नामित और कई राष्ट्रीय-राज्य स्तरीय सम्मानों से अलंकृत शोभा कँवर का योगदान शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल है।
डा.अर्थ के निदेशक मोहक, जिन्होंने प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन का अभिनव मॉडल प्रस्तुत कर पर्यावरण संरक्षण में कार्य किया और अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा-साइक्लिस्ट नितिन सैनी, जिन्होंने यूरोप से एशिया तक कठिन यात्राएँ पूरी कर कोटा का नाम रोशन किया।
इस अवसर पर जिला कलक्टर पीयूष समारिया, एलन निदेशक गोविंद व राजेश माहेश्वरी तथा ऑरिलाइट निदेशक ने सम्मान प्रदान किये। समारोह की तैयारियाँ प्रोजेक्ट डायरेक्टर अंकिता जैन के नेतृत्व में हुईं।
संस्था की प्रोजेक्ट डायरेक्टर अंकिता जैन ने बताया कि समारोह की तैयारियाँ जोरों पर हैं और विभिन्न समितियाँ गठित की गई हैं। इस अवसर पर जिला कलेक्टर पीयूष समारिया, एलन निदेशक गोविंद एवं राजेश माहेश्वरी तथा ऑरिलाइट निदेशक प्रांजल अग्रवाल समाजसेवियों और विभूतियों को सम्मानित किया।
यंग इंडियन कोटा चैप्टर द्वारा आयोजित प्राइड ऑफ कोटा समारोह में शनिवार को विश्वविख्यात मोटिवेशनल स्पीकर और इंटरनेशनल लाइफ कोच गौर गोपाल दास ने अपने विचारों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जवाहर नगर ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने जीवन, सफलता और रिश्तों पर गहरे संदेश दिए।
गौर गोपाल दास ने कहा कि “पढ़ाई में पहले तैयारी होती है और फिर परीक्षा, जबकि जीवन में पहले परीक्षा आती है और फिर अनुभव सिखाता है।” उन्होंने पारिवारिक मूल्यों पर बोलते हुए कहा कि संयुक्त और जनरेशन गेप की सोच में अंतर ठीक वैसा ही है जैसे कोई 6 को 9 देखे—दोनों सही हैं, बस दृष्टिकोण बदलने की ज़रूरत है।
गृहस्थ जीवन की सफलता पर उन्होंने स्पष्ट किया कि “अहम और वहम छोड़ने से जीवन सरल और सुखी बन जाता है। सफलता कभी केवल आपकी नहीं होती, उसमें माता-पिता, दोस्तों और समाज का योगदान भी होता है। इसलिए आभार व्यक्त करना न भूलें और असफलता आने पर आत्ममंथन करें।”
संवाद और रिश्तों पर दास ने कहा कि यदि लोग आपके व्यवहार के कारण आपसे बात करना बंद कर दें तो यह ‘तूफ़ान से पहले की शांति’ है। उन्होंने कहा, “अपने स्वभाव में ‘मैं’ को त्यागकर ‘हम’ लाना होगा। अच्छे संवाद के लिए ज़्यादा सुनें और कम बोलें।”
सफलता को लेकर उन्होंने प्रेरक उदाहरण दिया – “सफलता तितली की तरह है। यदि आप उसके पीछे भागेंगे तो वह दूर जाएगी, लेकिन यदि आप अपने बगीचे को योग्य बनाएंगे तो वही तितली आपके पास आएगी।”
उन्होंने कहा कि दूसरों से तुलना करना गलत है क्योंकि हर व्यक्ति को ईश्वर ने अलग हुनर देकर भेजा है। “अपनी तुलना से आप स्वयं को छोटा कर लेते हैं, जबकि सही मायनों में पहचान अपने हुनर की होती है।”


