Female inspector kidnapped in Lucknow:लखनऊ में महिला दरोगा का किया अपहरण, छेड़छाड़ का केस वापस लेने का बना रहे थे दवाब। पुलिस सीसीटीवी की मदद से आरोपियों की तलाश में लगी हुई है।
लखनऊ से ऐसी खबर सामने आई है जिसने सुरक्षा – व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरासल, महिला दरोगा को काफी समय से एक युवक धमकियां दे-दे कर परेशान कर रहा था। युवक चहाता था कि उसके खिलाफ दर्ज किया छेड़छाड़ का मुकदमा वापस ले लिया जाए।
महिला दरोगा ने बताया कि कई दिनों से एक युवक उसे परेशान कर रहा था, पीछा करता था और बार – बार नंबर बदल कर कॉल करता था। इन सब से परेशान हो कर पिड़िता ने महिला थाने में युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
पुलिस के मुताबिक यह वारदात रविवार की दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जुग्गौर में किसान पथ के पास कुम्हारनपुरवा का है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दिया है. पीड़िता ने पुलिस को दिए शिकायत में बताया कि रविवार को वह अपने घर में थी. इसी दौरान बाहर से किसी ने उसका नाम लेकर आवाज दी. यह आवाज सुनकर बाहर निकली तो दो तीन लोग वह नजर आए. इन लोगों ने उसके हाथ से मोबाइल छीन लिया और उसे जबरन अपनी गाड़ी में बैठाकर चल दिए.
भिटौली चौराहे पर छोड़ कर भाग गए थे आरोपी
रास्ते में आरोपियों ने मुख्य आरोपी अंशुमान पांडेय के खिलाफ दर्ज कराए एफआईआर को वापस लेने का दबाव बनाया. साथ ही धमकी दी कि वह ऐसा नहीं करेगी तो उसकी हत्या कर दी जाएगी. इस दौरान आरोपियों ने दो कागजों पर उसके हस्ताक्षर भी लिए और भिटौली चौराहे पर उसे उतार कर फरार हो गए. पीड़िता ने बताया कि आरोपियों के चंगुल से मुक्त होते ही उसने पुलिस कंट्रोल रूम और अपने भाई को सूचना दी. इस वारदात के वक्त इस मुकदमे में पैरवी के लिए उनका भाई थाने गया था.
आम जनता की रक्षा
युवक दरोगा को धमकी देता था कि उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस ले लिया जाए नहीं तो उसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। साथ ही परिवार वालों को जान से मारने की धमकी भी देता था। पुलिस शिकायतकर्ता से पूछताछ करने के बाद कार्रवाई कर रही है।
जब महिला दरोगा ने युवक की किसी भी धमकी के दवाब में आ कर मुकदमा वापस नहीं लिया, तो उसे अगवा कर लिया गया। बंधक बना कर जबरन अपनी बात मनबाने की कोशिश करने लगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पुलिस खुद की ही रक्षा करने में नाकामयाब है, तो आम जनता की रक्षा कैसे की जाएगी।