Homeराज्यउत्तर प्रदेश♦महिला जज ज्योत्सना राय की ये दास्तान रूला देंगी!female judge jyotsna rai

♦महिला जज ज्योत्सना राय की ये दास्तान रूला देंगी!female judge jyotsna rai

♦सरयू तट पर करना मेरा अंतिम संस्कार,खरगोशों का रखना ख्याल!

शीतल निर्भीक
लखनऊ।स्मार्ट हलचल/उत्तर-प्रदेश के मऊ जिले की सम्मानित परिवार की रहने वाली बदायूं में सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय के शव का पोस्टमार्टम रविवार सुबह हुआ। तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम के बाद उनका शव परिजनों को सौंप दिया गया। माना जा रहा है कि जज ज्योत्सना राय का अंतिम संस्कार अयोध्या के सरयू तट पर किया जाएगा। कमरे से मिले जो नोट में मिला है, उसमें भी यह लिखा हुआ कि उनका अंतिम संस्कार सरयू तट पर किया जाए।

♦सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय (29) का शव शनिवार सुबह सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला था। पुलिस के मुताबिक जज के कमरे से एक नोट भी बरामद हुआ है। इस नोट के बारे में कोई भी अधिकारिक रूप से बयान देने को तैयार नहीं है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि महिला जज ने सुसाइड नोट हिंदी और अंग्रेजी में लिखा है।

सिविल जज ज्योत्सना राय नोट में ये लिखा है!

सुसाइड नोट के बारे में कोई अधिकारिक रूप से बयान देने को तैयार नहीं है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि महिला जज ज्योत्सना राय ने सुसाइड नोट हिंदी और अंग्रजी दोनों भाषाओं में लिखा है। हिंदी में लिखा है- ‘मेरी मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है, तुम्हें विवेचना करनी है तो कर लेना। तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा।’

♦वहीं अंग्रेजी में में ‘फीलिंग एलोन’ और ‘फीलिंग अनहैप्पी’ भी लिखा गया है। सूत्रों के अनुसार ये भी लिखा है कि मेरा अंतिम संस्कार अयोध्या में सरयू तट पर करना। हालांकि उनका सुसाइड नोट परिवार वालों के गले नहीं उतर रहा है। न्यायालय से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर जज किस परेशानी से जूझ रहीं थीं। उन्हें क्या दिक्कत थी।

उन्होंने कभी परिवार वालों या अपने साथियों से इसका जिक्र नहीं किया था। एक बात और सामने आई है कि कमरे में 2021 की एक डायरी भी मिली है, इसमें जनवरी की 29 तारीख तक के पेज फटे हुए हैं। बताते हैं कि यह पन्ने भी हाल में फाड़े गए हैं। यह भी बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात जज ने अपनी मां से बात भी की थी और तब वह खुश बताई गई थीं। इस बात का जिक्र उनके पिता की ओर से दी गई तहरीर में भी है।

खरगोश पालने और पौधे लगाने का था शौक!

♦महिला जज के नजदीकी लोगों का कहना है कि वह खरगोश पालने और पौधे लगाने की शौकीन थी। कमरे को भी उन्होंने अच्छी तरह सजा रखा था और सजावट की बहुत शौकीन थीं। उन्होंने अपने आवास के बरामदे में कई गमले लगा रखे हैं।

वह सुबह-शाम पौधों को पानी देती थीं। अपने खरगोशों का भी ख्याल रखती थीं। जब वह न्यायालय जाती थीं तो उन्हें चारा आदि डालकर आवास से निकलती थीं। वापस आने पर उनकी देखभाल करती थीं। सुसाइड नोट में उन्होंने खरगोशों का ख्याल रखने की बात भी लिखी है।

उसूलों में व्यावहारिक,गंभीरता से निपटाती थीं दीवानी के मुकदमे

महिला जज की मौत से तमाम लोग स्तब्ध हैं। उन्हें जानने वाले तमाम वकीलों का कहना है कि महिला जज व्यवहारिक थीं और दीवानी के मामले गंभीरता पूर्वक सुनती थीं। उनके किसी मामले में कोई शिकायत नहीं आई। साथी महिला जज भी उनकी तारीफ करती नजर आईं।

महिला जज ज्योत्सना राय दीवानी के मुकदमों की सुनवाई करती थीं। उनके कोर्ट में मुकदमा लड़ने वाले वकीलों का कहना है कि महिला जज मृदुभाषी और व्यवहारिक थीं। उन्हें देखकर कभी ऐसा नहीं लगा कि वह अपनी निजी जिंदगी से परेशान थीं। वह शुक्रवार को भी न्यायालय आई थीं। उन्होंने तमाम मुकदमों की सुनवाई की थी। शाम तक अपनी कोर्ट में बैठीं थीं और समय पूरा होने के बाद न्यायालय से गईं थीं। तब भी उनके चेहरे पर कोई शिकन या कोई परेशानी जैसा भाव नजर नहीं आया।

उनकी मौत को लेकर तमाम वकील हैरान हैं। तमाम वकील उनके आवास पर भी पहुंचे और सुबह लेकर शाम तक आवासीय परिसर में खड़े रहे। वह एक-दूसरे से उनके बारे में जिक्र करते नजर आए। साथी महिला जज भी एक-दूसरे से कहती नजर आईं कि कभी ज्योत्सना ने अपनी परेशानी के बारे में जिक्र नहीं किया और न ही वह कभी परेशान जैसी दिखाई दीं।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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