सुनेल 5 अक्टूबर।
स्मार्ट हलचल/छोटे-छोटे बच्चों व बालिकाओ के साथ होने वाली घटनाओं से बचने के लिए अब प्रदेश सरकार रानी लक्ष्मीबाई आत्मा प्रशिक्षण शिविर चला रही है। इन प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा महिला शिक्षिकाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। यही महिला अध्यापिकाएं आगे जाकर विद्यालयों में छात्राओं को प्रशिक्षण देगी। कस्बे के पिड़ावा मार्ग पर स्थित समग्र शिक्षा कार्यालय में चल रहे 7 दिवसीय ब्लॉक स्तरीय रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर 4 अक्टूबर से चल रहा है। 3 बेच में कुल 145 टीचर आत्मरक्षा का प्रशिक्षण ले रही है जिनमे
शिविर में बालिकाओं को प्रशिक्षण के माध्यम से शारीरिक व मानसिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण चल रहे है। ताकि बालिकाएं किसी भी विषम परिस्थतियों में बिना विचलित हुए उसका सामना कर सके। अटैक इज द बेस्ट फोर्म ऑफ सेल्फ डिफेंस के मूल मंत्र को ध्यान में रखते हुए आत्म रक्षा प्रशिक्षण की कार्य योजना तैयार की गई है। शिविर प्रभारी श्याम लाल दांगी व एसआरजी प्रशिक्षक सविता सैनी ने बताया कि विभिन्न विकट परिस्थितियों में आप कैसे सामने वाले को नाजुक अंगों पर वार कर बच सकते हैं। जिसमें आई अटैक, नेक अटैक, नोज अटैक, बाटम हाइट स्ट्राइक, शिन स्क्रैप स्टांप, ग्रोइंग किक, हेड लॉक, डियर बियर हग, चोक होल्ड, सिंगल हैंड ग्रिप डिफेंस, डबल हैंड ग्रिप डिफेंस, के बारे में प्रशिक्षण कक्ष में प्रैक्टिकल कराते हुए इसकी बारीकियों के बारे में जानकारी दी जा रही हैं। इसके अलावा बालिका शिक्षा प्रोत्साहन, साइबरक्राइम, गुड टच बैड टच, पॉक्सोएक्ट, जेंडर ऑडिट, घरेलू महिलाहिंसा अधिनियम, कार्यस्थल परमहिला सुरक्षा आदि कई बिंदुओं को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बेटियां भी निडर होकर आगे बढ़ना जानती हैं। लड़कियों को अपनी आत्मरक्षा की तरफ विशेषतौर पर ध्यान देना होगा। जब कोई मनचला छेड़खानी करे तो उसको मुंहतोड़ जवाब मिल सके। शिविर में प्रशिक्षण ले रही शिक्षिका ने बताया कि आज के बदलते परिवेश में अराजक तत्वों को सबक सिखाने में यह कलाएं सहायक साबित होंगी।