शेयर बाजार का जाली कारोबार कर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को बनाते थे टारगेट
पैसे वापिस मांगने वाले इंनवैस्टरों को किया जाता था ब्लैकमेल
मनोरंजन की श्रेणी में आता है वी-ट्रेड एप
पकड़े गए आरोपियों से 40.62 लाख रुपए, बैक फ्रीज कर 30.80 लाख रुपए, 5 लैपटाप, 7 डैस्कटॉप, 7 मोबाइल, सोने और हीरे के गहने करीब 62 वस्तुएं, लोगों के रखे गए 135 चैक, जोकि करीब 3 करोड़ के हैं, एक मर्सीडीज और सियाज कार, पैसे गिनने वाली 2 मशीनें व अन्य सामान बरामद हुआ है
मोहित कोछड़
स्मार्ट हलचल,लुधियाना | फिरोज गांधी मार्केट स्थित शेयर बाजार विभाग में रह कर ऑन-लाइन ट्रेडिंग एप बनाकर शेयर बाजार का जाली कारोबार कर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। कमिश्नरेट पुलिस के साइबर सेल विभाग ने मास्टरमाइंड सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि 2 आरोपी अभी फरार हैं। पकड़े गए आरोपियों से 40.62 लाख रुपए, बैक फ्रीज कर 30.80 लाख रुपए, 5 लैपटाप, 7 डैस्कटॉप, 7 मोबाइल, सोने और हीरे के गहने करीब 62 वस्तुएं, लोगों के रखे गए 135 चैक, जोकि करीब 3 करोड़ के हैं, एक मर्सीडीज और सियाज कार, पैसे गिनने वाली 2 मशीनें व अन्य सामान बरामद हुआ है।
पकड़े गए आरोपियों में हैबोवाल का रहने वाला अनिल मास्टरमाइंड है। जबकि उसके साथियों में मालेरकोटला की महिला कर्मजीत , हैबोवाल का सन्नी शामिल हैं। जबकि फरार साथी जतिन और गगनदीप हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आई.टी. एक्ट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू, ए.डी.सी.पी. रूपिंदर कौर भट्टी, ए.सी.पी. राजकुमार जल्होत्रा ने बताया कि साइबर सेल के इंचार्ज जतिंदर सिंह को उक्त गिरोह के बारे में सूचना मिली थी, जबकि एक शिकायत भी आई थी कि यह गिरोह शेयर बाजार में अपनी ठगी की दुकान चला रहा है। जोकि अपना एप बनाकर शेयर मार्किट में इनवैस्ट करने वाले लोगों को ढूंढता था। फिर उनका पैसा अपनी जाली आई.डी. में लगवाते थे। फिर उनसे लाखों-करोड़ों रुपए ठग लेते थे। लोगों को उस समय पता चलता था, जब वह ठगे जाते थे।
पुलिस ने इस गिरोह को पकड़ कर जांच शुरू कर दी है।इस गिरोह का मास्टरमाइंड अनिल है जिसने वी-ट्रेड नाम से एप बनाया था। जोकि शेयर मार्किट का जाली ऐप है। इस ऐप के जरिए ठग उन कारोबारियों से संपर्क साधते थे, जो शेयर बाजार में पैसा लगाते थे। अनिल के साथी आरोपी गगनदीप सिंह लोगों से संपर्क करके उन्हें ऐप में पैसे लगाने का लालच देते थे। ऑनलाइन व्यापार में अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर लोगों को आकर्षित करते थे। लोगों के मोबाइल पर ऐप का लिंक भेजते थे और एक आई.डी और पासवर्ड भी देते थे। ऐप डाऊनलोड करने के लिए जो लिंक भेजा जाता था, वह लोगों के बैंक खातों के साथ जुड़ा होता था। लोगों से पैसे कैश लेकर आरोपी आई.डी. और पासवर्ड देने से पहले वह लोगों से 2 चैक लेकर भी रख लेते थे।पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी इतने शातिर हैं कि पहले लोगों को फंसाने के लिए डमी आंकड़े दिखाए जाते थे। उन्हें भरोसा दिलाया जाता था कि इस ऐप के जरिए कई लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं।
लेकिन जब व्यक्ति पैसे लगा देता और उसे पता चलता कि वह ठगा जा रहा है तो वह अपने पैसे वापस मांगता था। लेकिन आरोपी उसका आई.डी. और पासवर्ड बदल देता था। फिर ग्राहक को ब्लैकमेल किया जाता था। पैसे के लिए ज्यादा परेशान करने वाले व्यक्ति को डराया जाता था कि उनके रखे गए चैक अदातल में लगाकर केस कर दिया जाएगा। इसी डर से कई लोग उनके पास पैसे मांगने नहीं जाते थे।साइबर सैल के इंचार्ज ने बताया कि जब इस मामले की पड़ताल की गई तो पता चला कि वी-ट्रेड ऐप मनोरंजन की श्रेणी में आता है। जोकि सिखलाई के उद्देश्य से विद्यार्थियों के लिए बना है। भारतीय सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया (सेबी) से अलग-अलग इकाइयों के बारे जानकारी मांगी गई थी। इसमें यह पाया गया कि इस ऐप का सेबी के साथ कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। ऐप पर वी-ट्रेड द्वारा ग्राहक को दिखाए गए लेन-देन की एक्सचेंज ने पुष्टि नहीं की है।
यह ऐंट्री जाली पाई गई। पुलिस का कहना है कि उनके पास कई और लोग आरोपियों के खिलाफ शिकायतें लेकर आए हैं।पुलिस द्वारा पकड़े गए गिरोह के अलावा भी कई अन्य लोग भी ऐसी ही ठगी का काम करते हैं, जोकि स्टॉक एक्सचेंज में ऑफिस बनाकर अपनी ठगी की दुकानदारी चलाते हैं। पुलिस द्वारा इस रेड के बाद बाकी ठगी की दुकान चलाने वाले भी भाग गए हैं। पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी अनिल का एक और साथी है। जोकि दंडी स्वामी रोड पर रहता है। वह भी अनिल के पास ग्राहक लाने का काम करता था। इसके अलावा ‘एस’ नाम का एक व्यक्ति स्टाक एक्चेंज में ऐसी फर्जी आई.डी. बनाकर ठगी करता है। हालांकि इन दोनों पर अब पुलिस की नजर है। जल्द पुलिस उन पर कार्रवाई कर सकती है।