बेंगलुरु. एलसीए तेजस मार्क 1A की पहली सफल उड़ान बेंगलुरु के एचएएल फैसिलिटी में पूरी हुई. यह फाइटर एयरक्रॉफ्ट अपनी पहली उड़ान के दौरान 18 मिनट तक हवा में रहा. तेजस मार्क 1A आधुनिक और 4+ जेनेरेशन का फाइटर एयरक्रॉफ्ट है. इसमें हवा में फ्यूल भरा जा सकता है, जिससे इसकी क्षमता और बढ़ जाती है. साथ ही यह फाइटर जेट एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्केन्ड ऐरे रडार, बीवीआर यानी बियॉन्ड विजुवल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट से लैस है. भारतीय वायुसेना ने 83 एलसीए मार्क 1A तेजस के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ करार किया है. जबकि अतिरिक्त 97 तेजस मार्क 1A फाइटर की खरीद को रक्षा खरीद परिषद पहले ही मंजूरी दे चुकी है.ये नया तेजस फाइटर जेट दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हल्का लड़ाकू विमान है। तेजस मार्क-1ए में अन्य सुधारों के अलावा डिजिटल रडार अलर्ट रिसीवर, एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, उन्नत दृश्य-सीमा (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और बाहरी आत्म-सुरक्षा जैमर पॉड आदि सुविधाएं हैं। तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) को लगाया गया है। यानी कि फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगाया गया है। इस सिस्टम से रडार, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो पाएगा। आपको बता दें कि तेजस का ये नया अवतार अन्य फाइटर जेट्स की तुलना में बेहद छोटा है। अपनी इस खासियत की वजह से ये दुश्मन के राडार में बतौर फाइटर जेट पकड़ नहीं आता। अपनी इस खासियत की वजह से ये तेजस का ये नया अवतार बेहद खतरनाक हो जाता है।
खासियतें
एमके-1ए अन्य सुधारों के अलावा डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर, एक बेहतर एईएसए (सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन की गई सरणी) रडार, उन्नत दृश्य-सीमा (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और बाहरी आत्म-सुरक्षा जैमर पॉड के साथ आएगा।
तेजस स्क्वाड्रन
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही दो तेजस स्क्वाड्रन, ‘फ्लाइंग डैगर्स’ और ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ हैं, जिनमें से एक अब पाकिस्तान के सामने दक्षिण-पश्चिमी सेक्टर में तैनात है।