डीएम से शिकायत के वाबजूद तहसीलदार सदर के संरक्षण में रसीदपुर कनेठा में भूमाफिया कर रहे करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा
तहसीलदार सदर के संरक्षण में भूमाफिया रात में कर रहे है अवैध निर्माण, शिकायतकर्ताओं को धमका रहे तहसीलदार, जेल भिजवाने की दे रहे धमकी
भू माफियाओं ने दलित बस्ती का 50 साल पुराना रास्ता किया बंद, मिल रही है धमकियां
रसीदपुर कनेटा मुख्य रोड पर अरबों की जमीन पर सपाई भूमाफिया के आगे पुलिस प्रशासन नतमस्तक
धिबरई कलक्ट्रेट से 500 मीटर दूरी पर मैन रोड पर है अरबों रुपये की बेशकीमती जमीन
फिरोजाबाद। स्मार्ट हलचल/विश्व मे चूड़ियों के लिए प्रसिद्ध शहर फिरोजाबाद में प्रशासन की शह पर भूमाफिया अरबों रुपये की जमीन पर कब्जा कर रहे है। जब कि रसीदपुर कनेठा की भूमि नॉन जेड ए के अंतर्गत आती है। उसके बाद भी भूमाफिया रात में जेसीबी से अवैध निर्माण करने में लगे है। और सभी जमीन की समतल करा है। इस जमीन पर भूमाफिया प्लाटिंग करने की फिराक में है। यही नहीं भूमाफियाओं ने दलित बस्ती का 50 साल पुराना रास्ता भी बंद कर दिया जिससे दलित बस्ती के लोग अपने ऑटो रिक्शे नही निकाल पा रहे। इस मामले में जब एसडीएम सदर को फोन किया तो वह बोली कि उनके संज्ञान में नही है वहीं तहसीलदार ने फोन पर बात करने से इंकार कर दिया।
प्राप्त समाचार के अनुसार ग्राम पंचायत रसीदपुर कनैटा दो दर्जन अधिक ग्रामीणों ने जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि गाटा सं0-259 ग्राम सभा की भूमि पर अवैध रूप से भू माफियाओं द्वारा कब्जा करने व नॉन-जेड-ए की भूमि गाटा सं0-255, 260, 262, 264, 265, 269 आदि की पूर्व प्रकृति बदलने व जाटव समाज के लोगों की आबादी की भूमि पर जबरन कब्जा रोकने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सभा की भूमि गाटा सं0-259 में भू माफियाओं द्वारा अवैध रूप से किये जा रहे पक्के निर्माण को ध्वस्त कराने हेतु सख्त आदेश कर कब्जा कर रहे भू माफियाओं पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाये। इस जमीन मामले में पूर्व षडयन्त्रकारी कुँवरलाल व उमराय पुत्रगण स्व० टीकाराम के वारिसान रामभरोसी, रामदयाल और शिवराम पुत्रगण स्व० ज्ञान सिंह के द्वारा गाटा सं0-259 के कुल क्षेत्रफल 0.61100 से एक प्लॉट 4900 फीट दान किया गया और फर्जी तरीके से गाटा सं0-259 के कुल क्षेत्रफल 0.6110है0 का दाखिला खारिज दानग्रहीत के नाम में कराया जाना अपराधिक कृत्य है। अपराधियों को दण्डित किया जाये। ग्रामीणों ने लेखपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्रीय लेखपाल पवन शर्मा व ग्राम प्रधान पति सर्वेश कुमार द्वारा ग्रामसभा की भूमि गाटा सं0-259 व उससे सटे रास्ते जिसकी माप 50 फीट चौडा और 400 फीट लम्बाई का है को भू माफियाओं द्वारा कब्जा कराने के एवज में तहसील में कार्यरत लेखपाल विशाल है जो कि भू माफिया हेमराज प्रशान्त का भाँजा है उसके माध्यम से आर्थिक लाभ लेकर लगभग 10 करोड कीमत की गाटा सं0-259 की भूमि कब्जा करा दिया गया है। उपरोक्त दोनों लेखपालों को धरनास्थल के माध्यम से निलम्बित करने एवं सक्षम अधिकारियों द्वारा जाँच कराई जाए। ग्रामीणों ने मांग की माफियाओं बृजमोहन कश्यप, हेमराज प्रशान्त, गजेन्द्र सिंह व विनोद राजपूत द्वारा उपरोक्त गाटा सं0-259 सहित बिना सक्षम अधिकारी, उपजिलाधिकारी महोदय की अनुमति के बिना आबादी घोषित कराये। गाटा सं0-255, 260, 262,264, 265, व 269 आदि कुल रकवा करीब 51 बीघा समस्त कृषि भूमि का समतलीकरण करके अवैध रूप से कॉलोनी विकसित के योग्य बना दी है। माफियाओं का यह कृत्य लोगों को ठगने का प्रपंच है। राजस्व के नियमानुसार माफियाओं द्वारा किया गया यह कृत्य अपराधिक श्रेणी में आता है। इसलिए बृजमोहन कश्यप पुत्र रामसनेही लाल, हेमराज प्रशान्त पुत्र रामजीलाल, गजेन्द्र सिंह पुत्र अमर सिंह विनोद राजपूत पुत्र स्व० नत्थू सिंह के विरूद्व प्रथम दृष्टया रिपोर्ट दर्ज कराकर समुचित कार्यवाही कराना सुनिश्चित की जाये। उपरोक्त लिखित गाटाओं में जाटव बस्ती के पास बचत की भूमि जो कि जाटवों की हमेशा से आबादी की भूमि रही है, पर भूमाफियाओं को कब्जा करने से रोका जाये। जिलाधिकारी व एसडीएम को पत्र देकर कार्यवाही की मांग करने वालों में प्रमुख रूप से अनार सिंह गुर्जर पूर्व प्रधान, सोबरन सिंह कुशवाहा, बिजेन्द्रपाल सिंह बघेल पूर्व प्रधान, महावीर सिंह कठेरिया, कैलाश शर्मा, सोनू शर्मा, सूरजपाल सिंह जाटव, बीरेन्द्र सिंह उर्फ बन्टू जाटव, पिंकी दिवाकर, हरीश चन्द्र कठेरिया, महेश चन्द्र, रन्धौर सिंह गुर्जर, रक्षपाल सिंह जाटव, अजेन्द्र सिंह, सोनू, रामभरोसी, महेश चन्द्र प्रजापति, पूरन सिंह दिवाकर, राजकुमार दिवाकर, अवधेश दिवाकर, अजय दिवाकर, रामानन्द कुशवाहा, रतनश्री देवी जाटव, हेमादेवी जाटव, उर्मिला देवी जाटव, पूजा देवी जाटव और नेहा शर्मा आदि रहे। इस मामले में पत्रकार द्वारा मामले की जानकारी के लिए तहसीलदार को फोन किया तो तहसीलदार ने 10 :20 से लेकर 2:31 तक बात नही की और चपरासी को फोन पकड़ाते रहे बाद में बमुश्किल बात की और तहसीलदार बोले आकर मिलो फोन पर हम बात नही करेंगे। इसी से इस पूरे मामले में तहसीलदार की भूमिका की संलिप्तता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
ग्रामीणों का आरोप है के तहसीलदार भूमाफियाओं के सामने बुलाकर धमकाते हैं और फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाने की धमकी देते है।