सुनील बाजपेई
कानपुर।स्मार्ट हलचल|किये गये कार्य का वेतन, ग्रेच्युटी, क्षतिपूर्ति, नोटिस पे, अवकाश भुगतान, और चिकित्सा भुगतान व बोनस आदि न दिये जाने से मेसर्स फस्ट फ्लाईट कोरियर लिमिटेड के सैकड़ों कर्मचारी तिल तिलकर मरने को मजबूर हैं। यही नहीं अपने बकाया मिलने का इंतजार करते-करते दर्जनों कर्मचारी मौत का शिकार भी हो चुके हैं और बहुत से होने वाले भी हैं। इसीलिए अब हिंद मजदूर किसान पंचायत तब तक आंदोलन करेगी जब तक उनका बकाया नहीं मिल जाएगा।
यह चेतावनी यहां हिंद मजदूर किसान पंचायतके महासचिव वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे ने देते हुए बताया कि परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री सहित सभी जिम्मेदार लोगों को दिये गये सैकड़ो पत्रों पर कोई कार्यवाही न करने और उनकी उदासीनता के चलते सैकड़ो कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है और सैंकड़ों मृत्यु की कगार पर खड़े हैं।
शासन की लापरवाही से मालिकानों द्वारा विदेश भाग कर व्यापार करने फैन्चाईजी देने और भारत स्थिति चल अचल सम्पत्ति को बेचने पर सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न अपनाये जाने के परिप्रेक्ष्य में ध्यानाकर्षण कर आक्रोश पत्र जारी करते हुए हिन्द मजदूर किसान पंचायत उत्तर प्रदेश के महामंत्री वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेशमणि पाण्डेय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन किए जाने की चेतावनी देते हुए बताया कि फस्ट फ्लाईट कोरियर लगभग 25 हजार से अधिक कर्मचारियों को अपने यहां नियुक्त करके पूरे भारत वर्ष में कोरियर का काम करती रही है। वह अचानक ही मालिकों द्वारा अपनी भारत स्थिति चल अचल सम्पत्ति को बेचकर व वह खुद फैन्चाइजी के माध्यम से बेचकर विदेश भाग गये हैं और अब विदेश में फस्ट फ्लाईट कोरियर का काम करते जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मंत्री अन्य जिम्मेदार लोगों को लिखे गए पत्र के मुताबिक सैकड़ों पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी न ही कोरियर के प्रबन्धन के विरूद्ध लुक आउट नोटिस ही जारी की गयी और न ही सरकार ने उसे भारत लाने की अबतक कोई कोशिश की है। जबकि उसपर कर्मचारियों के कार्य का वेतन ग्रेच्युटी क्षतिपूर्ति, बोनस, अवकाश भुगतान आदि का 15 हजार करोड़ से अधिक का बकाया शेष है।
श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे ने बताया कि तमाम वादों में न्यायालय द्वारा यह अंकित कराने पर कि वर्तमान समय में फस्ट फ्लाईट कोरियर का देश में स्थिति किसी भी कार्यालय से कोई सूचना प्राप्त नहीं हो पा रही है और न ही पत्र रिसीव हो पा रहे हैं। ऐसी दशा में उसके खिलाफ तब तक कार्यवाही किये जाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है, जब तक उसका स्थायी पता व उनकी तरफ से कोई उपस्थित न हो जाये।
फर्स्ट फ्लाइट कोरियर के सैकड़ों कर्मचारियों के बकाए के लिए लगातार संघर्ष कर रहे वरिष्ठ श्रमिक राकेश मणि पांडेय ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से विशेष सचिव द्वारा भी पत्र निर्गत किया गया पर वह ढांक के पात साबित हुए। इस संदर्भ में न्यायपालिका के भी निष्क्रिय और पंगु हो जाने की भी बात करते हुए वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने आरोप लगाया कि यह सरकार वास्तविक रूप से मजदूर और कर्मचारियों का पैसा हड़प जाने वाले कुख्यात मालिकों को संरक्षण देती है। साथ ही सवाल भी किया वि क्या भारत के फस्ट फ्लाईट कोरियर के मजदूर यह मान लें कि उनके हितों की रक्षा नहीं हो पायेगी और उनका भुगतान हड़प लिया जायेगा और वह ऐसे ही तिल तिल के मरते रहेंगे। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी भत्ता जो राज्य कर्मचारी बीमा निगम से दिया जाता है। उसे भी राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा हड़प लिया गया है। और उनका भुगतान हड़प लिया जायेगा।
राकेश मणि पांडे ने कहा कि अगर सरकार सार्वजनिक घोषणा करें कि वह फर्स्ट फ्लाइट कोरियरों को न्याय नहीं दिला सकती। वह अक्षम और मजदूर विरोधी है तो फिर कर्मचारीगण किसी भी सामने अपनी स्थिति को बयां नहीं करेंगे और अपने सारे हितलाभों को भूल जायेंगे। और अगर ऐसा नहीं है तो फिर सरकार फस्ट फ्लाईट कोरियार के विरूद्ध देश विदेश में फैली चल अचत सम्पत्तियों को जब्त करने और उनके मालिकों को विदेश से पकडवा कर भारत लाने व विधि संगत प्राविधानों के तहत कार्यवाही करके दिखाये। इस सम्बन्ध में मेल व पंजीकृत डाक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृहमंत्री अमित शाह, जयशंकर प्रसाद, डा० मनसुख मंडापिया, केन्द्रीय श्रमायुक्त, केन्द्रीय निदेशक राज्य कर्मचारी बीमा निगम व श्रम सचिव भारत सरकार को भी भेजे जाने की जानकारी देते हुए हिंद मजदूर किसान पंचायत के महासचिव और देश के जाने-माने वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेशमणि पाण्डेय ने यह चेतावनी भी दी कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो पीड़ित कर्मचारी संसद मार्च, और अनशन, प्रदर्शन के साथ अपनी आंदोलन को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ले जायेंगे।