बरसात के सीजन में पांचवीं बार पनवाड़ चांदली मार्ग बंद
स्मार्ट हलचल दूनी/देवली उपखंड के पनवाड़ व आसपास के क्षेत्र में अत्यधिक बारिश होने के कारण पनवाड़ के चारों ओर नाले उफान पर हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम वासियों ने बताया कि बरसात के इसी सीजन में यह रास्ता लगभग पांच बार बंद हो चुका है।ग्रामीणों ने बताया कि पनवाड़ में पढ़ने आने वाले बच्चे सेंदियावास,चांदली,दाता सावतगढ़ आदि क्षेत्रों से पढ़ने आते हैं जिनकी पढ़ाई भी बाधित हो रही है और अत्यधिक बारिश होने से चारों ओर पानी भर गया जिससे जानवरों को बाहर निकलने में दाना पानी चारा इत्यादि डालने में भी समस्या आ रही है। तथा मच्छर अत्यधिक पनप रहे हैं जिससे कई प्रकार की बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है ग्रामीणों ने पंचायत प्रशासन पर आरोप लगाया है कि गांव के चारों ओर खाल में एनीकट बना रखे हैं और अतिक्रमण की भेट चढ़े हुए हैं जिससे ज्यादा पानी आ जाने से पूरा गांव टापू बन गया है और ग्रामीण अपने पशुओं को बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं जिस पर भी प्रशासन ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है इस मामले में प्रशासन को कई बार अवगत करा दिया गया है लेकिन प्रशासन की बेरुखी से ग्राम वासियों एवं आने जाने वाले राहगीरों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार पनवाड़ में 15 लाख रुपए की लागत से पुलिया स्वीकृति हो गई है जिसको भी विभाग का इस और कोई ध्यान नहीं है ग्राम वासियों ने बताया कि टू व्हीलर और फोर व्हीलर इस पानी में बंद हो रहे हैं जिससे आवागमन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पनवाड़ सागर के जो रपट है वह दो साइड में है जिसमें से एक साइड की रपट को बंद कर दिया गया है और दूसरी साइड में पानी ज्यादा आ जाने के कारण पनवाड़ गांव में चारों ओर पानी ही पानी हो गया है जिसमें जानवरों को भी कई प्रकार की परेशानी आ रही है।जानवरों को पानी पिलाने चारा आदि इत्यादि डालने में परेशानी आ रही है और कुल मिलाकर देवली से पनवाड़,चांदली,राजकोट,सीतापुरा, बूंदी का गोठडा जाने वाले सभी गांवों का आवागमन बंद है।यहाँ से जाने के बजाय वैकल्पिक रास्ता चुने क्योंकि इस रास्ते पर पानी ज्यादा आ जाने के कारण आवागमन बंद है।वही खुशी की बात यह है किसानों में खुशी की लहर है कि पनवाड़ सागर लबालब हो चुका है साथ ही पनवाड़ के सांगोला नई नाडी,बालाजी की नाडी,एनीकट छतरी मोडी,मानसागर,धोलाई इत्यादि फुल भर चुके हैं जिससे आगे में आगामी फसलों के लिए जीवनदान साबित होगा।