योगेश कुमार गुप्ता
स्मार्ट हलचल,चाकसू |चैत्र कृष्ण अष्टमी पर 15 मार्च को शीतलाष्टमी का लोक पर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर कस्बा स्थित शील की डूंगरी पर माता के मंदिर पर प्रसिद्ध शीतला माता का मेला भी भरेगा। इस दिन शीतला माता की पूजा अर्चना कर उन्हें ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाएगा। इससे एक दिन पहले सप्तमी पर 14 मार्च को घर-घर रांधा पुआ के तहत पकवान बनाए जाएंगे और अष्टमी के दिन शीतला माता की पूजा अर्चना की जाएगी
1 दिन शीतला माता की पूजा अर्चना के साथ साथ में क्षेत्र की महिलाएं व्रत भी रखेगी इसके लिए 1 दिन पहले 14 मार्च को राधा पुआ बास्योडा होगा जिसमें घर-घर महिलाएं शीतला अष्टमी के लिए पकवान बनाएगी और शीतला अष्टमी के दिन सुबह शीतला माता के ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद घर-घर ठंडे पकवान ही खाए जाएंगे। बासोडा पर शीतला माता को ठंडे भोजन अर्पित कर चेचक आदि बीमारियों से परिवार को बचाने की प्रार्थना की जाएगी
मंदिर श्री शीतला माता ट्रस्ट के मंत्री लक्ष्मण प्रजापति ने बताया कि राजस्थान का ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध शील की डूंगरी स्थित शीतला माता का मेला 14 मार्च मंगलवार एवं 15 मार्च बुधवार को आयोजित होगा। इस बार लंपी रोग के समय माता का विशेष चमत्कार को देखते हुए इस वर्ष दर्शनार्थियों की भीड़ पहले से ज्यादा आने की उम्मीद है इसे लेकर प्रशासन के सहयोग से मंदिर श्री शीतला माता ट्रस्ट में सभी तैयारियां शुरू कर दी है जिससे दर्शनार्थियों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
पिछले चार महिनों के अनुभव के अनुसार शीतला माता मंदिर पर प्रत्येक सोमवार, शुक्रवार रविवार एवं अष्टमी- को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। लम्पी
जैसी महामारी के समय जब प्रशासन अपने आप को असहाय महसूस कर रहता था, हजारों की संख्या में गोधन काल कवलित हो रहा था। उस समय शीतला माता का चरणामृत एवं प्रसाद ने पशुपालकों एवं किसानों को जबरदस्त राहत पहुंचाई। यही कारण है कि शीतला माता के प्रति आस्था किसी तिथि का इंतजार नहीं करती।
शीतला माता मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री लक्ष्मण प्रजापति ने बताया कि इस बार रविवार से माताजी की पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी। यह क्रम सातो दिन ही चलने वाला है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि मेला क्षेत्र की सीमाओं में हो रहे अवैध – स्थाई एवं अस्थाई अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाए। राजस्व रिकार्ड के अनुसार शीलकी डूंगरी एवं मेला परिसर का सीमा ज्ञान करवाया जा कर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सीसीटीवी कैमरों के साथ नियमित रूप से पुलिस की व्यवस्था की जाए।