भीलवाड़ा । भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा तहसील के बोरडा बावरियान वन क्षेत्र में 800 बीघा में हुई अवैध कटाई एवं आसींद के नारायणपुरा में 400 बीघा में हुई अवैध पेड़ों की कटाई के मामले में पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने राज्य के मुख्यसचिव वी श्रीनिवास, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन आनन्द कुमार, केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सचिव तन्मय कुमार, प्रमुख सचिव प्रधानमंत्री कार्यालय एवं सचिव, राष्ट्रपति कार्यालय को पत्र लिखकर डीएफओ गौरव गर्ग, एसीएफ पायल माथुर एवं रेंजर प्रभुलाल धुन पर मामले को दबाने और अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
जाजू ने पत्र में बताया कि 5 नवंबर को फोरेस्टर विश्राम मीणा और सहायक वनपाल शंकर माली ने 800 बीघा क्षेत्र में अवैध कटाई की जानकारी तत्काल उच्च अधिकारियों को दी थी, लेकिन इसके बावजूद डीएफओ गौरव गर्ग दो दिनों तक मौके पर नहीं पहुंचे और न ही कटाई रोकने के लिए कोई कदम उठाए। जाजू ने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में पेड़ों के कट जाने पर डीएफओ का मौके पर न पहुंचना उनकी मिलीभगत का स्पष्ट संकेत है।
जाजू ने दूरभाष पर जांच अधिकारी राजीव चतुर्वेदी से चर्चा करने के बाद बताया कि चतुर्वेदी द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में भी डीएफओ और एसीएफ की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। उनकी रिपोर्ट के अनुसार कटाई में उपयोग हुए वाहनों के नंबर मौके पर दर्ज मिले परंतु किसी भी वाहन को जब्त नहीं किया गया, पेड़ काटने वाले मुख्य आरोपी पीर मोहम्मद पर एफआईआर के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई। जाजू ने वन विभाग के आला अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि मामले को दबाने के लिए राजीव चतुर्वेदी को हटाकर महेशचन्द्र गुप्ता को नियुक्त किया गया, जिन पर स्वयं अनियमितताओं की जांच लंबित है।
जाजू ने लिखे पत्रों में मुख्य वन संरक्षक ख्याति माथुर, डीएफओ गौरव गर्ग, एसीएफ पायल माथुर, एसीफ भीलवाड़ा मुन्नी चौधरी, रेंजर प्रभुलाल धुन एवं इन्हें संरक्षण देने वाले उच्चाधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने एवं वनों में पेड़ों के कटने से हुई हानि के बदले नये पौधे लगाने एवं उनकी रखरखाव का खर्च डीएफओ गौरव गर्ग व एसीएफ पायल माथुर से वसूल करने की मांग की। जाजू ने मामले को दबाने के लिए निलंबित किये गये फोरेक्टर विश्राम मीणा और शंकर माली को तुरंत बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि इनके द्वारा पेड़ों की कटाई रोकने का प्रयास किया गया था। जाजू ने पत्र में पूरे मामले की एसीबी से जांच करवाने की भी मांग की है। जाजू ने कहा कि यदि उच्चाधिकारियों द्वारा दोषी अधिकारियों पर शीघ्र ही ठोस कार्यवाही नहीं होती है जो एनजीटी में गुहार कर पौधे लगवाएंगे।


