ओम जैन
शंभूपुरा। स्मार्ट हलचल /चित्तौड़गढ़ के बहुचर्चित एक मामले में पूर्व सभापति संदीप शर्मा को हाईकोर्ट जोधपुर ने बड़ी राहत देते हुए सदर थाना पुलिस चित्तौड़गढ़ को गिरफ्तार नही करने के निर्देश दिए।
कुछ समय पूर्व एक विवाहित महिला द्वारा चित्तौड़गढ़ से पूर्व सभापति कोंग्रेस नेता संदीप शर्मा पर दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में सदर थाने में मामला दर्ज करवाया गया था जिसके बाद पूर्व सभापति शर्मा ने उच्च न्यायालय की शरण ली वहाँ से राहत के बाद फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक लग गई है।
बता दे कि बीएनएसएस की धारा 528 जो पहले सीआरपीसी की धारा 482 थी उसके तहत हाईकोर्ट में उक्त एफ आई आर को रद्द करने के लिए पिटीशन लगाई है, जिसमें सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग ने फैसला दिया है कि चार सप्ताह के बाद इस मामले को वापस रखा जाए और केस डायरी मंगवाई जाए। साथ ही अगली सुनवाई तक इस केस के तहत पूर्व सभापति संदीप शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है। याचिकाकर्ता संदीप शर्मा की तरफ से सीनियर एडवोकेट विनीत जैन एवं उनके साथ एसिस्टेंट एडवोकेट अशोक खिलेरी ने पैरवी की है।
इस बीच अगली तारीख तक याचिकाकर्ता शर्मा को पुलिस स्टेशन सदर चित्तौड़गढ़ में दर्ज एफआईआर संख्या 427/2024 के अनुसरण में गिरफ्तार नहीं किया जाने का आदेश जारी किया गया।
पूर्व में विधायक आक्या पर दर्ज करवाया था मुकदमा
उक्त महिला द्वारा पूर्व में विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया गया था, तत्पश्चात पूर्व सभापति शर्मा पर करीब 5 साल से दुष्कर्म मारपीट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवाया साथ ही शादी का झांसा देने का मामला भी दर्ज करवाया गया जिससे प्रथम दृष्टया मामला सन्दिग्ध लग रहा है, कि क्या मामले में सत्यता है या किसी के दबाव में ये सब हुआ है। हालांकि पुलिस जांच में ही पूरे मामले कि स्थिति स्पष्ठ हो पाएगी।
इन्होंने ये कहा
मामले को लेकर हाईकोर्ट से आदेश मिला है जिसमे अग्रिम सुनवाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है एव 4 सप्ताह बाद अगली तारीख पर केस डायरी मांगी हैं।
गजेंद्र सिंह
सीआई थाना सदर चित्तौड़गढ़
मेरे खिलाफ पूरा राजनीतिक षड्यंत्र था, उच्च न्यायलय से बड़ी राहत मिली, आगे भी मुझे कानून व्यवस्था पर पूरा विश्वास है कि मुझे न्याय मिलेगा, सत्यमेव जयते।
संदीप शर्मा
पूर्व सभापति नप चित्तौड़गढ़