former MLA election nomination
पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने पांचवी बार केकडी से किया नामांकन
कांग्रेस की बढी मुश्किले, एसपी को थप्पड मारने से आये थे प्रदेश की राजनीति में सुर्खियो में
स्मार्ट हलचल/शिवप्रकाश चौधरी
केकडी। स्मार्ट हलचल/विधानसभा चुनाव को लेकर शनिवार को तीन अभ्यर्थियो ने अपने नामांकन दाखिल किए है। पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने केकडी विधानसभा से पांचवी बार नामांकन दाखिल किया है जिससे केकडी की राजनीति में हलचल बढ गयी है। निर्वाचन अधिकारी विकास कुमार पचोली ने बताया कि शनिवार को चार नामांकन प्राप्त हुए है जिनमें बहुजन समाज पार्टी से तुलसी देवी ने नामांकन दाखिल किया है वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर बाबूलाल सिंगारिया दो नामांकन व जगदीश जाट ने एक नामांकन दाखिल किया है। निर्वाचन अधिकारी पंचोली ने बताया कि रविवार को लोक अवकाश होने के कारण नामांकन दाखिल नहीं किये जा सकेंगे तथा 6 नवम्बर अपरान्ह 3 बजे तक नामांकन दाखिल किए जायेंगे इसके पश्चात नामांकन दाखिल नहीं होंगे। 7 नवम्बर को नामांकनो की संवीक्षा की जायेगी तथा 9 नवम्बर तक आवेदक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। इधर पूर्व विधायक रहे बाबूलाल सिंगारिया ने केकडी से पांचवी बार नामांकन किया है। दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडकर एक बार केकडी विधायक रह चुके बाबूलाल सिंगारिया के एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबले को रोचक बना दिया है। पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया की दलित वर्ग में अच्छी पकड होने से अब केकडी का चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में बदल सकता है। उल्लेखनीय है कि 1998 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव लडकर बाबूलाल सिंगारिया केकडी से विधायक बने थे जिसके बाद उन्होंने 2003 में फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडा था हालांकि भाजपा के गोपाल लाल धोबी ने उन्हें हरा दिया है जिसके बाद 2008 में कांग्रेस उनका टिकट कटने पर उन्होंने 2008 में केकडी सीट सामान्य होने पर निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया था हालांकि वे 2008 में चुनाव जीत नहीं सके तथा तीसरे नम्बर पर रहे थे मगर तब बाबूलाल सिंगारिया ने 22 हजार 123 वोट प्राप्त किए थे वहीं 2013 में फिर राष्ट्रवादी पार्टी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। 2013 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल सिगारिया की वजह से कांग्रेस को बडा नुकसान उठाना पडा था तथा कांग्रेस प्रत्याशी डॉ.रघु शर्मा को हार का सामना करना पडा था। 2013 के चुनाव में बाबूलाल सिंगारिया तीसरे स्थान पर रहे थे तथा 17035 वोट प्राप्त किए थे। 2018 के चुनाव में बाबूलाल सिंगारिया के चुनाव नहीं लडने से कांग्रेस को बढत मिली थी जिस कारण कांग्रेस प्रत्याशी डॉ रघु शर्मा ने 19461 वोट से जीत दर्ज की थी, लेकिन एक बार बाबूलाल सिंगारिया ने केकडी विधानसभा से विधायकी के लिए ताल ठोक दी है तथा निर्दलीय के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है जिससे कांग्रेस प्रत्याशी डॉ रघु शर्मा की मुश्किले बढ गयी है। विधानसभा क्षेत्र में दलित वर्ग बाहुल्य होने के साथ ही दलित वर्ग से होने वाले बाबूलाल सिंगारिया की समाज में अच्छी पकड होने से कांग्रेस का परम्परागत वोट बैंक इस खिसक सकता है।
एसपी के थप्पड मारने से आये थे सुर्खियो में –
पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया 2001 में उस वक्त सुर्खियो में आये थे, जब केकडी विधायक रहते हुए तत्कालीन अजमेर जिले के एसपी आलोक त्रिपाठी से तनातनी के बाद उन्हें थप्पड जड दिया था जिसके बाबूलाल सिंगारिया प्रदेश की राजनीति में काफी सुर्खियो में आये थे तथा कांग्रेस पार्टी ने तत्कालीन एसपी को थप्पड मारने के मामले में बाबूलाल सिंगारिया को पार्टी से सस्पेण्ड कर दिया था। अजमेर में 30 जून 2001 को जिला कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित इस बैठक में वर्तमान मुख्य सचिव व तत्कालीन अजमेर कलक्टर उषा शर्मा की मौजूदगी में बाबूलाल सिंगारिया ने एसपी आलोक त्रिपाठी के साथ हुई कहासुनी के बाद थप्पड जड दिया था। मामले मंे अजमेर में मुकदमा दर्ज हुआ था जिसके बाद हाल ही में दिनांक 24 मार्च 2023 को अजमेर जिले की पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को 3 वर्ष के कारावास व 50 हजार के जुर्माने से दण्डित किया था हालांकि पूर्व विधायक ने लॉअर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील दायर कर दी थी जिसके बाद एडीजे कोर्ट संख्या 3 ने पूर्व विधायक के खिलाफ सुनाई गई सजा को मामले के विचारण तक स्थगित कर दिया था। सजा स्थगित होने के बाद एक बार फिर केकडी से पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने ताल ठोक दी है।