जगपुरा गांव से आधे किलोमीटर दूर हुई घटना
आरएसआरडीसी विभाग की अनदेखी से हो रहे हैं सड़क हादसे, सड़क के दोनों और फेले हैं अंग्रेजी बाबुल
काछोला 4 जून -स्मार्ट हलचल|क्षेत्र के धामनिया जगपुरा के बीच देर रात जगपुरा निवासी धामनिया के पूर्व सरपंच भोजराज धाकड़ अपनी बलेनो कार से ससुराल पीपल्दा से जगपुरा आ रहे थे। गांव से करीब आधे किलोमीटर दूर त्रिवेणी देवली मुख्य सड़क मार्ग पर बलेनो कार के अनियंत्रित हो जाने से हुई सड़क दुर्घटना से भोजाराम धाकड़ की पत्नि सीमा देवी धाकड़ उम्र 30 वर्ष की गम्भीर अवस्था मे घायल हो गई और पूर्व सरपंच भोजराज धाकड़ व चालक कैलाश धाकड़ घायल हो गए। काछोला अस्पताल पहुंचने पर सीमा देवी ने दम तोड़ दिया और मृत्यु हो गई। काछोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्राथमिक उपचार कर घायलों को भीलवाड़ा एमजी हॉस्पिटल रेफर किया गया व मृतका सीमा देवी शव का बुधवार सुबह डॉ अभिषेक वर्मा द्वारा पोस्टमार्टम कर बीगोद पुलिस द्वारा मृतका सीमा देवी के पार्थिव देह को परिजनों को सुपुर्द किया गया । सड़क हादसे के बाद पूरे गांव में शौक की लहर दौड़ पड़ी। मृतक महिला के छोटे छोटे एक लड़की वह एक लड़का है ।
आरएसआरडीसी विभाग की अनदेखी 1 वर्ष में दो मौते, एक ही जगह
त्रिवेणी से काछोला के बीच सड़क के दोनों तरफ अंग्रेजी बबुल की वजह से लगातार दुर्घटनाएं कारित हो रही है ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम स्थल पर आरएसआरडीसी के अधिकारियों के विरुद्ध रोष प्रकट किया ग्रामीणों ने मांग की आए दिन अंग्रेजी बबूल की वजह से सड़क दुर्घटनाएं हो रही है जिम्मेदार अधिकारी मौन है। अंग्रेजी बबुल की वजह से रात को वाहन चालकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।इससे पूर्व 12 जुलाई 2024 को एक शिक्षिका मंजू देवी स्वर्णकार का भी सड़क हादसे में निधन हो गया था,आये दिन छोटी छोटी दुर्घटनाएं होती रहती है।टोल शुल्क देने के बाद भी इस सड़क मार्ग पर कहीं अव्यवस्थाओं का आलम है, आरएसआरडीसी विभाग की अनदेखी से लगातार हादसों का शिकार हो रहे है वाहन चालक। इस सड़क मार्ग पर टोल शुल्क देने के बाद भी वाहन चालक अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कहीं परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है ।
इनका कहना-
त्रिवेणी जहाजपुर सड़क मार्ग के दाएं बाई साइड पर कंटीली झाड़ियां व जंगल सफाई करवाकर समस्या का समाधान किया जाएगा,इसको लेकर सड़क मार्ग का मौका मुआयना हेतु विभाग के एईएन को भेजा है। शीघ्र समस्या का समाधान कर दिया जाएगा ।
नरेंद्र कुमार,
परियोजना निदेशक
आरएसआरडीसी
यूनिट भीलवाड़ा