राकेश मीणा
Fraud of 20 crore: Vivek Sethia and Kamal Sethia
जयपुर |स्मार्ट हलचल|वर्धमान ग्रुप से जुड़े विवेक सेठिया और कमल सेठिया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। श्री कुंदन लाल मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी की शिकायत पर मानसरोवर थाने में दर्ज FIR के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है। सोसाइटी ने आरोप लगाया है कि लीज पर ली गई जमीन की आड़ में 20 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन पर कब्जा करने की साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
इससे पहले वर्धमान विद्यालय जयपुर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड के दौरान 4 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी मिलने का मामला भी सामने आ चुका है, जिससे पूरे प्रकरण को और गंभीर माना जा रहा है।
मानसरोवर थाने में दर्ज हुई FIR
मानसरोवर थाने के SI दिनेश चंद के अनुसार, नई दिल्ली के वसंत कुंज निवासी दीप चंद वर्मा (75), अध्यक्ष श्री कुंदन लाल मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी की ओर से दी गई शिकायत पर FIR दर्ज की गई है। FIR में वर्धमान न्यूजेन एजुकेशन एकेडमी, उसके निदेशक विवेक सेठिया और कमल सेठिया को नामजद किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले में वित्तीय लेनदेन, दस्तावेजों और एग्रीमेंट की गहन जांच की जा रही है।
लीज पर जमीन लेकर किया गया अवैध निर्माण
शिकायत के अनुसार, फरवरी 2000 में राजस्थान आवासन मंडल मानसरोवर द्वारा सेक्टर-3 में 14,023 वर्ग मीटर जमीन सोसाइटी को आवंटित की गई थी। इस जमीन पर सोसाइटी ने स्कूल और कॉलेज का निर्माण कर शैक्षणिक गतिविधियां शुरू कीं।
आरोप है कि अगस्त 2016 में स्कूल के संचालन के लिए सर्विस प्रोवाइडर एग्रीमेंट किया गया और 31 अगस्त 2016 को इकरारनामा व पावर ऑफ अटॉर्नी बनाई गई। इसी की आड़ में आरोपियों ने सोसाइटी की जमीन पर करीब 1.10 लाख वर्गफीट क्षेत्र में अवैध निर्माण करवा दिया और करोड़ों रुपए का गबन किया।
कॉमर्शियल गतिविधियों से करोड़ों की कमाई
सोसाइटी का आरोप है कि एग्रीमेंट की शर्तों के विरुद्ध जाकर सोसाइटी की जमीन पर वर्धमान स्पोर्ट्स एकेडमी और अन्य कॉमर्शियल गतिविधियां संचालित की गईं।
शिकायत में बताया गया है कि स्कूल और स्पोर्ट्स एकेडमी से वसूली गई फीस की राशि सोसाइटी को देने के बजाय अन्य खातों में डायवर्ट कर दी गई। बच्चों से फीस वसूली के लिए कई मामलों में रसीदें तक जारी नहीं की गईं।
फीस और खातों में भारी गड़बड़ी का दावा
सोसाइटी के अनुसार, वेबसाइट पर प्रति छात्र 1.62 लाख रुपए फीस दर्शाई गई है। यदि 2023-24 में 1500 छात्रों का आकलन किया जाए तो केवल ट्यूशन फीस से 12.15 करोड़ रुपए की आय बनती है। इसके अलावा हर साल नए छात्रों की एडमिशन फीस और स्पोर्ट्स एकेडमी से अतिरिक्त आय भी होती रही।
इसके बावजूद खातों में आय मात्र 10 करोड़ रुपए दिखाई गई, जिससे हर साल 30 से 35 प्रतिशत तक हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
लग्जरी लाइफ और फंड डायवर्जन के आरोप
शिकायत में यह भी कहा गया है कि गबन की गई राशि से आरोपी लग्जरी गाड़ियां और निजी खर्चों में पैसे खर्च कर रहे थे, जिनका भुगतान भी सोसाइटी के खातों से दिखाया गया।
सोसाइटी का दावा है कि प्रति वर्ष 7 से 8 करोड़ रुपए की राशि को गलत तरीके से डायवर्ट कर संस्था को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया।
फर्जी दस्तावेजों से लीज ट्रांसफर की कोशिश
मामले का खुलासा तब हुआ जब अगस्त 2023 में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड से सोसाइटी को एक पत्र मिला, जिसमें लीज डीड किसी अन्य संस्था के नाम ट्रांसफर किए जाने का जिक्र था। जांच में सामने आया कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए पूरी संपत्ति अपने नाम कराने की कोशिश की गई।
मनी लॉन्ड्रिंग की भी जांच
सोसाइटी का आरोप है कि 2016 से 2025 के बीच 50 से 60 करोड़ रुपए फीस के रूप में वसूले गए, जिनमें से बड़ी राशि को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए रियल एस्टेट और अन्य व्यवसायों में लगाया गया।
पुलिस का कहना है कि जांच के दायरे में बैंक खातों, बैलेंस शीट, एग्रीमेंट, पावर ऑफ अटॉर्नी और लीज डीड सहित सभी पहलुओं को लिया गया है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


