Homeराष्ट्रीयघपलेबाज़ी करके डी-फार्मेसी में दाखि़ले देने एवं डिग्रियाँ जारी करने के दोष...

घपलेबाज़ी करके डी-फार्मेसी में दाखि़ले देने एवं डिग्रियाँ जारी करने के दोष अधीन 4 और व्यक्तियों को किया गिरफ़्तार

घपलेबाज़ी करके डी-फार्मेसी में दाखि़ले देने एवं डिग्रियाँ जारी करने के दोष अधीन 4 और व्यक्तियों को किया गिरफ़्तार,Fraudulent D-Pharmacy admissions

गिरफ्तार किये गए व्यक्तियों में तीन प्रिंसिपल और एक निजी फार्मेसी कॉलेज का मालिक शामिल

डी-फार्मेसी डिग्री घोटाले में अब तक कुल 17 मुलजिम गिरफ़्तार

राजेश कोछड़
चंडीगढ़-स्मार्ट हलचल/पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा आज पंजाब स्टेट फार्मेसी कौंसिल (पी.एस.पी.सी.) के रजिस्ट्रारों और अधिकारियों की मिलीभुगत के साथ घपलेबाज़ी करके अयोग्य उम्मीदवारों को दाखि़ला देने और डी-फार्मेसी की डिग्रियाँ जारी करने के दोष अधीन चार और मुलजिमों को गिरफ़्तार किया गया है। इस सम्बन्धी विजीलैंस ब्यूरो द्वारा पहले ही दाखि़ले, रजिस्ट्रेशन में अनियमितताएं करने और प्राईवेट कॉलेजों में पढ़ रहे अयोग्य विद्यार्थियों को डी-फार्मेसी के लाइसेंस जारी करने के दोष अधीन पी.एस.पी.सी. के पूर्व रजिस्ट्रारों और अधिकारियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. नम्बर 17 तारीख़ 8.12.2023 को आई.पी.सी. की धारा 420, 465, 466, 468, 120-बी के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना लुधियाना में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में आज गिरफ़्तार किए गए व्यक्तियों में आदेश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च बठिंडा के मालिक गुरप्रीत सिंह गिल और प्रिंसिपल सरबजीत सिंह बराड़, साल 2013 में बरनाला जिले के लाला लाजपत राय कॉलेज, सहणा में बतौर प्रिंसिपल रहे आर.एस. रामाकोड़ी और 2011 में लाला लाजपत कॉलेज ऑफ फार्मेसी मोगा के प्रिंसिपल रहे बलजिन्दर सिंह बाजवा शामिल हैं। इस मामले में विजीलैंस द्वारा पी.एस.पी.सी. के पूर्व रजिस्ट्रार मुलजिम प्रवीन कुमार भारद्वाज और डॉ. तेजवीर सिंह और सुपरीटेंडैंट अशोक कुमार को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है। इसके अलावा इस मामले में 9 फार्मासिस्टों को भी नामज़द करके गिरफ़्तार किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि इस मामले की जांच के दौरान आई.पी.सी. की धारा 409, और 467 के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7-ए, 8, 13(1) समेत 13(2) को भी शामिल किया गया है।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि डी-फार्मेसी संस्थाओं में खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए प्राईवेट कॉलेजों के मालिकों ने उक्त रजिस्ट्रारों और पी.एस.पी.सी. के अधिकारियों के साथ मिलीभुगत करके अनिवार्य माइग्रेशन सर्टीफिकेट लिए बिना अन्य राज्यों के विद्यार्थियों से बड़ी रिश्वतें लेकर उनको दाखि़ल किया। इसके अलावा, बहुत से विद्यार्थियों ने डी-फार्मेसी कोर्स में दाखि़ला लेने के लिए मेडिकल या नॉन-मेडिकल स्ट्रीम में अपेक्षित 10+2 शैक्षिक योग्यता प्राईवेट तौर पर पास की हुई थी, जबकि इसके लिए रेगुलर क्लास और विज्ञान के प्रैक्टिकल लगाकर पास होना अनिवार्य होता है।
यह कर्मचारी निजी फार्मेसी कॉलेजों के मालिकों/ प्रिंसीपलों को अलग-अलग संस्थाओं से 10+2 और डी- फार्मेसी के नकली सर्टिफिकेट और पी.एस.पी.सी. से नकली रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट जारी करने के लिए रिश्वत लेने में शामिल पाए गए।
उन्होंने आगे बताया कि पकड़े गए सभी मुलजिमों को कल अदालत में पेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है, जिससे पी.एस.पी.सी. के अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों और क्लर्कों के साथ-साथ प्राईवेट कॉलेजों से सम्बन्धित व्यक्तियों की भूमिकाओं की भी जांच की जा सके।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  31 जुलाई  2024, Smart Halchal News Paper 31 July
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  31 जुलाई  2024, Smart Halchal News Paper 31 July
AD dharti Putra
logo
AD dharti Putra
Smart Halchal NewsPaper logo logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES