राहगीरों और ग्रामवासियों को बताया किसी भी थाने में दर्ज करा सकते अपनी प्राथमिकी।
दुष्कर्म के मामले में 7 दिन में देनी होगी जांच रिपोर्ट।
शाहपुरा@(किशन वैष्णव)जिला मुख्यालय और फुलिया कलां थाना पुलिस और अधिकारियों ने कैंप लगा कर एक जुलाई से लागू होने वाले नए कानून भारतीय न्याय संहिता की आमजन को जानकारी दी.फुलिया कलां थानाधिकारी देवराज सिंह सहित फुलिया कलां पुलिस स्टाफ ने ग्रामवासियों तथा राहगीरों वाहनों में सफर कर रहे यात्रियों को न्यू क्रिमिनल एक्ट संबंधित जागरूकता प्रदान की।बताया कि एक जुलाई से नया कानून भारतीय न्याय संहिता लागू होने जा रही है.पुराने कानून में सरकार ने बदलाव किया है.नए कानून के तहत अब किसी भी थाने में पीड़ित मुकदमा दर्ज करा सकता है.नये कानून के तहत अब ईमेल के माध्यम से भी मुकदमा दर्ज किया जा सकेगा और दर्ज मुकदमे में टाइम पीरियड के दौरान ही निस्तारण किया जाने के लिए बाध्य किया गया है.किसी अपराधी की जमानत के लिए आवेदन करने की जिम्मेदारी अब उसे जेल अधीक्षक को दे दी गई है नवीन आपराधिक कानून को पीड़ित केंद्रित दृष्टिकोण के साथ तैयार किया गया है, जिसमें पीड़ित को जीरो एफआईआर तथा अपने प्रकरण की 90 दिन में हुई प्रगति के बारे में जानने का अधिकार प्राप्त हुआ है
नए आपराधिक कानून में न्याय के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए गवाह संरक्षण स्कीम का प्रावधान किया गया है,जिसमें गवाहो को धमकियां, डराने धमकाने और चोट पहुंचा कर गवाही देने से रोकने अथवा मुकरने के प्रति राज्य द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान किया जाकर न्याय के अंतिम उद्देश्य को प्राप्त करने की ओर एक मजबूत कदम के रूप में व्यर्वा व्यवस्थित किया गया है।नवीन आपराधिक कानून में न्यायिक सुधार हेतु उल्लेखनीय प्रावधान किए गए हैं जिसमें विभिन्न कार्यवाहियों को एक तय समय सीमा में संपन्न किया जाना आवश्यक होगा।
संज्ञेय अपराध के सम्बन्ध में अब आमजन किसी भी थाने में या बिना क्षेत्रधिकार वाले पुलिस थाना में भी मामला दर्ज करवा सकता है।ई-मोड से प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस थाना मे प्रेषित की जा सकती है तथा परिवादी को 03 दिवस के भीतर पुलिस थाने पर जाकर उक्त हस्ताक्षरित करना होगा।परिवादी एवं पीड़ित को एफ.आई.आर की निःशुल्क प्रति तत्काल उपलब्ध करवाई जाएगी। गवाह अब न्यायालय में गवाही जरिये वीडियो कॉन्फ्रेसिंग दे सकता है।अपराध से अर्जित सम्पति का वितरण पीड़ित व्यक्तियों में किया जा सकता है।
प्राथमिक जांच को 14 दिवस के भीतर संपन्न किया जाना।घटना मामला या रिपोर्ट दर्ज के बाद मेडिकल रिपोर्ट चिकित्सक द्वारा पुलिस को तत्काल मुहैया करवाया जाना होगा। बलात्कार संबंधी मेडिकल जांच रिपोर्ट 7 दिवस के भीतर प्रदान किया जाना होगा।मुकदमे के अनुसंधान की स्टेटस रिपोर्ट 90 दिन में प्रार्थी को दिया जाना लागू होगा।अदालत में आरोप तय होने के 90 दिन बाद घोषित अपराधियों के विरुद्ध उनकी अनुपस्थिति में एक तरफा सुनवाई आरम्भ किया जाना। न्यायालय द्वारा विचरण समाप्त होने के 45 दिन के भीतर निर्णय घोषित किया जाना। न्यायालय द्वारा फैसले की तारीख के 7 दिन के भीतर अपने पोर्टल पर जजमेंट की कॉपी अपलोड किया जाना।सहित आमजन और निर्दोष लोगो के के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नया कानून लागू किया।इस कानून में आमजन को निडर होकर अपने अधिकारों के प्रति अपना पक्ष रखने और उसपर समय पर कार्यवाही करने के लिए संबंधित विभाग को भी पाबंद किया गया।थानाधिकारी देवराज सिंह सहित फुलिया कलां पुलिस स्टाफ ने ग्रामवासियों तथा राहगीरों वाहनों में सफर कर रहे यात्रियों को न्यू क्रिमिनल एक्ट संबंधित जागरूकता प्रदान की।