दीपक पटेल
सलूंबर।स्मार्ट हलचल|जिले के सराड़ा उपखंड की ग्राम पंचायत सरसिया के काड़ फला में गुरुवार को एक ग्रामीण का अंतिम संस्कार किया गया। गांव में श्मशान घाट की व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीणों को मजबूरन नाले किनारे खुले मैदान में अंतिम संस्कार करना पड़ा। कीचड़ और पानी से भरे रास्ते के बीच ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए अपने साथी को अंतिम विदाई दी।
इस दौरान गांव के लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए एकजुट होकर कार्य करते नजर आए। नदी के उस पार से लकड़ियाँ लाकर जलाने की व्यवस्था ग्रामीणों ने स्वयं की। पानी और कीचड़ से भरे रास्ते को पार करने के लिए ग्रामीणों ने रेल की पटरी की तरह कतार बनाकर एक-दूसरे को लकड़ियाँ पास कीं। कई लोग घुटनों तक पानी में खड़े होकर काम करते रहे। किसी ने आदेश नहीं दिया, किसी ने निर्देश नहीं, फिर भी सभी ने मिलकर अपने कर्तव्य का निर्वाह किया — यह गांव की एकता और मानवीय संवेदनाओं की सच्ची झलक थी।
अंतिम संस्कार में शामिल रहे प्रमुख ग्रामीणों में — बालुराम खराड़ी, अमरसिंह, भीमराज नंगावत, आर्यन, लालचंद कटारा, लोकेश कटारा, शंकर, अरविंद, सुरेश कटारा, राजकुमार कटारा, हरीश, चतरा, नानाजी हीरावत, भीमराज, सोमराज खराड़ी, मेघराज, धुलचंद तथा वार्ड पंच रामलालजी माल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
सरकारी वादों और योजनाओं की पोल खुली!
प्रदेश की सरकारें वर्षों से विकास के बड़े-बड़े दावे करती रही हैं — गांवों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, हर घर तक सड़क, बिजली, पानी और श्मशान घाट जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के वादे किए जाते हैं। लेकिन सरसिया गांव की यह तस्वीर उन वादों की जमीनी हकीकत बयां करती है।
आज भी इस क्षेत्र के ग्रामीण श्मशान घाट, पक्के रास्ते और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। नदी के पार बने अस्थायी स्थान पर अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को हर बार यही कठिनाई झेलनी पड़ती है। बारिश या बरसात के बाद यह रास्ता पूरी तरह दलदली हो जाता है, जिससे लकड़ी या शव ले जाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार पंचायत और प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सरकार की योजनाएं कागज़ों में हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनकी कोई छाया तक नहीं दिखती।
ग्रामीणों की मांग !
गांववासियों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द श्मशान घाट का निर्माण कर पक्का रास्ता बनाया जाए, ताकि भविष्य में किसी परिवार को इस तरह की असुविधा और अपमानजनक स्थिति का सामना न करना पड़े।
सरपंच का कहना !
इधर इस मामले को लेकर सरसिया ग्राम पंचायत के सरपंच ललित कुमार मीणा ने बताया कि लंबे समय से ऐसी समस्या है लेकिन हमने आगे लिखा है जल्द से जल्द शमशान घाट और रोड की व्यवस्था करवाई जाएगी


