गणेश चतुर्थी ,माता-पिता की परिक्रमा कर प्रथम पूज्य कहलाए गणेशजी, उन्होंने कर्तव्य निभाया,
गणेश चतुर्थी के उपलक्ष में गणेश स्थापना का हुआ आयोजन
शशिकांत शर्मा
वैर|स्मार्ट हलचल|प्राचीन दिव्यमूर्ति श्री भैरव नाथ जी महाराज के दरबार में षष्ठम गणपति महोत्सव के तहत आज गणपति स्थापना मंदिर अध्यक्ष एवं ज्योतिषाचार्य गयाराम शास्त्री के सानिध्य में पंडित सोनू महर्षि के द्वारा पूर्ण विधि विधान से की गई । इस कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि जितेंद्र गर्ग अधिशाषी अधिकारी न.पा. वैर, विष्णु महावर अध्यक्ष न.पा.वैर, द्वारा फीता काटकर की गई। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष विष्णु महावर द्वारा मंदिर की टूट फूट निर्माण कार्य हेतु 1 लाख रुपए की मदद की घोषणा की गई। इस कार्यक्रम को लेकर सभी भक्तों में बड़ा़ ही उत्साह देखने को मिला और भारी संख्या में भक्तगण शामिल हुए।गणेश चतुर्थी ,माता-पिता की परिक्रमा कर प्रथम पूज्य कहलाए गणेशजी, उन्होंने कर्तव्य निभाया, शिव पुराण में वर्णन है। कि ब्रह्मांड भ्रमण की शर्त लगने पर गणेश जी ने मां पार्वती और पिता शिव की परिक्रमा कर प्रथम पूज्य की उपाधि हासिल की। यानी मात-पिता ही प्रथम पूज्य हैं। इनकी सेवा में ही शुभ-लाभ निहित हैं।
मंदिर व्यवस्थापक श्याम लाल गुप्ता ने बताया कि इस महोत्सव के दौरान पाँच दिवस के मुख्य कार्यक्रम ,31 अगस्त को दोपहर 1 बजे सम्मान समारोह औऱ गणपति विसर्जन शोभायात्रा दोपहर 2 बजे एवं गणपति विसर्जन सायं 6 बजे। इस कार्यक्रम में संतोष धाकड़,राजीव गोयल ,पंकज गर्ग, राजेश सैनी, राजकुमार जांगिड़, ओम गुर्जर,विश्वेन्द्र जाट,प्रह्लाद स्वर्णकार, गोपेश स्वर्णकार, एडवोकेट देवेंद्र पाठक ,एडवोकेट राजकुमार नगायच, गोपाल पाठक, बनवारी शास्त्री ,छैलबिहारी गोयल, सुलेमान खान, चंद्रशेखर धाकड़, गोपाल सिंघल,महेश गोयल, भूपेंद्र गर्ग पार्षद, बद्री कडेरा,अभिलाष गुप्ता,सोनू सैन, संजय धाकड़, सत्तो स्वर्णकार, जयप्रकाश शर्मा,बच्चू ठेकेदार, लक्ष्मण सिंघल आदि भक्त उपस्थित रहे।