भीलवाड़ा । गणगौर महोत्सव बनी ठनी मेवाड़ रीजन उदयपुर के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भीलवाड़ा संगिनी की कई बहनों ने भाग लिया व एक से बढ़कर एक प्रस्तुतिया दी।
संगिनी की अध्यक्ष पुष्पा गोखरू ने बताया कि गणगौर के दिन देवी पार्वती की पूजा की जाती है। यह त्योहार आस्था ,प्रेम ,पारिवारिक साहोर्द का प्रतीक है । गणगौर पर्व ना सिर्फ महिलओं के लिए एक त्यौहार है बल्कि शिव पार्वती की आराधना का ऐसा पर्व है जो किशोरीयों से लेकर हर उम्र की महिलाओं द्वारा पूरे रिति रिवाजों का अनुसरण करते हुए मनाया जाता है। संगिनी फाॅरम बेहद अच्छा काम कर रही है, जिसके कारण संगिनी ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।
प्रचार प्रसार मंत्री मनीष बंब ने बताया की गणगौर प्रतियोगिता में संमिनी के 8 गु्रप्स की 400 से अधिक महिलाओं ने बनी-ठनी मे ना सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि बन-ठन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों मे शुरू से अंत तक आकर्षण को लगातार बनाये रखा। उसमें भीलवाड़ा से सोनल मेहता व पिंकी पोखरना आदि सदस्याओ भाग लिया जिसमें सोनल मेहता सेकंड रनर अप रही। सोनल मेहता द्वारा नृत्य परफॉर्मेंस भी दी गई ,जिससे भीलवाड़ा संगिनी का मेवाड़ रीजन में नाम रोशन हुआं।
गणगौर प्रतियोगिता तीन चरणों में संपादित हुई। सचिव सीमा नाहर, उपाध्यक्ष मनीषा खजाजी, सहमंत्री सुरुचि कोठारी, कायकारिणी सदस्य मधु लोढ़ा ने बताया कि कार्यक्रम में भीलवाड़ा से संगिनी सदस्य दीपा सिसोदिया, अरुणा पोखरणा, कुसुम पोखरणा, चित्रा नेनावटी , इंदु चौधरी ,खुशबू खटोड़, कविता जैन ,नीलम कोठारी ,जूली सूर्या, सोनल नाहर ,मोनिका सूर्या, संगीता सकलेचा, कविता जैन सहित कई सदस्याए उपस्थित थी।