दुर्गेश रेगर
पीपलूंद। स्मार्ट हलचल। शाहपुरा जिले के जहाजपुर उपखंड क्षेत्र के पीपलूंद कस्बे में ग्रामीणों ने गणेश जी का जन्मोत्सव शनिवार को धूमधाम हर्षोल्लास से मनाया गया। मन्दिर के पुजारी राजेन्द्र जोशी ने बताया की गणेश जी के मंदिर पर शनिवार को सुबह गणेश जी की प्रतिमा को नया वाका चढ़ाकर श्रृंगार किया गया। इसके बाद दोपहर में महाआरती करके लड्डू,व मोदक, का भोग लगाया। गणेश चतुर्थी के दिन को गणपति के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है, कि गणपति का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि बुधवार को दोपहर के समय हुआ था। इसलिए दोपहर 12 बजे पूजा अर्चना कर महाआरती करके गणपति का जन्मोत्सव धूमधाम हर्षोल्लास के साथ में मनाया गया।
आज से 10 दिनों तक हुआ गणपति उत्सव का शुभारंभ। श्रद्धालु अपने अपने घरों में संपूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद प्रथम पूज्य गणपति को विराजमान कर। अगले 10 दिन तक पूजा अर्चना करेंगे इसके बाद अनंत चतुर्दशी को गणेश जी प्रतिमाओं का ढोल नगाड़ों और गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों के साथ विधिपूर्वक विसर्जन किया जाएगा। गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या से ही गणेश मंदिरों में भक्तों का आने-जाने का तांता लगा रहा। गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दिन के समय बुधवार को माता पार्वती ने मिट्टी का गणेश जी बनाया था। और शिव जी ने उसमें प्राण डाले थे। प्रतिवर्ष 7 दिनों तक अपने घर में मिट्टी से बनी गणपति प्रतिमा की स्थापना करते हैं। इन दिनों में श्रद्धालु और परिवार के लोग नियमित रूप से गणेश जी की पूजा अर्चना करते हैं। और मोतीचूर के लड्डू व मोदक, का भोग लगाते हैं। क्योंकि गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू अतिप्रिय थे। इस दौरान पर गणेश मूंदड़ा, देवेंद्र बसेर, सुवा जाट, बन्ना खारोल, गोपाल सेन, दिनेश डाड, शंकर जोशी, गोविंद मूंदड़ा, ज्ञानचंद सेन कृष्ण गोपाल पारीक, प्रहलाद पारीक, सहित इत्यादि ग्रामीण मौजूद रहे।