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सवाईमाधोपुर में गढ़ रणथंभौर किला के त्रिनेत्र गणेशजी के रास्ते पर दुखद घटना की पुनरावृत्ति रोकने हेतु कार्यवाही

बून्दी – स्मार्ट हलचल|सवाईमाधोपुर जिले में गढ़ रणथंभौर किले में लाखों श्रृद्धालुओं का मुख्य धार्मिक स्थल त्रिनेत्र गणेश जी महाराज का मन्दिर है। यहां पर समस्त भारत से हजारों श्रृद्धालु अपने इष्टदेव त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन करने आते हैं। राजस्थान सहित दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित आसपास राज्य के श्रृद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। शादी ब्याह सहित सभी मुख्य कार्यों के अलावा कृषि का कार्य शुरू करने से पहले यहां पर निमंत्रण देकर अपना कार्य प्रारंभ करते हैं। यहां पर विदेशी पर्यटकों का भी आना जाना बना रहता है।
यह क्षैत्र सवाईमाधोपुर टाईगर रिजर्व क्षैत्र के अन्तर्गत आता है। टाइगर सेन्चुरी क्षैत्र होने से यहां पर आने वाले श्रृद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
बुधवार 16 अप्रैल 2025 को त्रिनेत्र गणेशजी महाराज के दर्शन व शादी का निमंत्रण देकर दादी के साथ पोता कार्तिक सुमन उम्र 7 वर्ष पिता द्वारका माली निवासी गोहटा थाना देईखेडा, बूंदी को रास्ते में छिपकर बेटी सुल्ताना ने रास्ते में चल रहे बच्चे को उठाकर ले जाना एक गंभीर मामला है। जिस परिवार में खुशियां आने वाली थी वहां पर दुःख का पहाड़ खड़ा हो गया।
मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव एवं क्षैत्र निदेशक, रणथंभौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर ने अपने पत्र क्रमांक 1223 दिनांक 16.04.2025 से प्रेस नोट जारी कर उक्त एरिया में बाघ का मूवमेंट होने के कारण त्रिनेत्र गणेश मन्दिर जाने वाले श्रृद्धालुओं के लिए तत्काल प्रभाव से आगामी पांच दिवस के लिए प्रवेश वर्जित किया गया है। ऐसा किया जाना सुरक्षा व्यवस्था का अभाव प्रदर्शित करता है।
विभाग द्वारा अपना दायित्व प्रेस नोट जारी कर त्रिनेत्र गणेशजी महाराज के दर्शनों से श्रृद्धालुओं को वंचित कर दिया। एक बच्चें को बाघिन रास्ते से उठाकर ले गयी तथा बच्चे की मृत्यु हो गई। सुख दुःख की बातें हुई, मुआवजा देने की बातें चली क्या यह ही अन्तिम कार्यवाही है।
मूलचंद शर्मा समाजसेवी तलवास बूंदी ने इस प्रकरण में विभाग की कार्यप्रणाली पर आपत्तियां उठाई है। क्या विभाग के पास बाघिन का गणेशजी के रास्ते के आसपास होने की जानकारी नहीं थी। यदि नहीं थी तो विभाग की कार्य प्रणाली ठीक नहीं है। यदि जानकारी थी तो सुरक्षा बाबत क्यों कार्यवाही नहीं की गयी। लापरवाही से एक परिवार ने बच्चा खो दिया। यह बच्चा किसी भी परिवार ,कर्मचारी, अधिकारी, जनप्रतिनिधि, धनाढ्य वर्ग सहित विदेशी पर्यटकों में से भी हो सकता था। यदि भविष्य में आवश्यक सुधार नहीं किया गया तो भविष्य में हम सभी के परिवारों से बच्चा ही नहीं परिवार में से कोई भी बाघ, बाघिन का शिकार हो सकते हैं।
मूलचंद शर्मा समाजसेवी तलवास ने इस घटना पर दुःख प्रकट करते हुए भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री व संजय शर्मा, वन मंत्री सहित मुख्यसचिव, राजस्थान सरकार व सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र भिजवा कर इस प्रकरण में कार्यवाही करते हुए सड़क मार्ग से मन्दिर तक दीवार व जालीया लगवाने हेतु अनुरोध किया है ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो सके। सरकार करोड़ों रूपए के निर्माण करवा रही है। धार्मिक आस्था स्थल पर हजारों व्यक्तियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए समस्त रास्ते पर सुरक्षा दीवार का निर्माण करवाया जाना अपेक्षित है। जहां जहां पर भी मानव का आवागमन रहता हो वहां की ट्रेकिंग व्यवस्था में सुधार करवाऐ जाने बाबत ठोस कार्यवाही करने की आवश्यकता है। यदि सरकार व विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो आगामी समय में ऐसी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसी घटनाओं में हम में से भी कोई भी बाघ के शिकार की घटना में सम्मिलित हो सकते है।

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