When should one read Garuda Purana?
गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए
कुछ ऐसी परंपराएं हैं जिनका पालन हर घर में मृत्यु के बाद किया जाता है। उन्हीं में से एक है गरुड़ पुराण। हिंदू धर्म के अनुसार, जब भी किसी घर के व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसकी मृत्यु के चौथे दिन से गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बता रहे हैं कि मृत्यु के बाद घरों में क्यों रखा जाता है गरुड़ पुराण का पाठ?
गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए
गरुड़ पुराण
गरुड़ पुराण के अधिष्ठातृदेव भगवान विष्णु हैं। कहा जाता है कि एक बार भगवान विष्णु के वाहन और कश्यप ऋषि के पुत्र गरुड़ ने नारायण से जीवों की मृत्यु, यमलोक यात्रा, नरक-योनियों और मोक्ष के बारे में कई रहस्यमयी प्रश्न पूछे।
भगवान विष्णु ने गरुड़ के उन सभी प्रश्नों का उत्तर विस्तार से दिया था। गरुड़ पुराण इन्हीं प्रश्नों और उत्तरों की शृंखला का एक महापुराण है, जिसमें भगवान विष्णु के 24 अवतारों का भी विस्तार से वर्णन किया गया है। तथा यह भी बताया गया है कि किन परिस्थितियों में भगवान को यह अवतार लेने के लिए बाध्य होना पड़ा।
जानिए क्या लिखा है गरुड़ पुराण में
इसका उद्देश्य व्यक्ति को भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, पुण्य, निःस्वार्थ कर्मों की महिमा बताना और आम आदमी को यज्ञ, दान, तप, तीर्थयात्रा आदि अच्छे कर्मों का महत्व समझाना है। इसमें आयुर्वेद और नितिसार का भी वर्णन किया गया है। इसके अलावा कर्म के आधार पर मृत्यु के बाद की स्थितियों का भी वर्णन है।
गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए
सनातन धर्म में गरुड़ पुराण को विशेष महत्व दिया गया है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्य घर पर गरुड़ पुराण का पाठ करवाते हैं। ऐसा माना जाता है कि 13 दिनों तक मृतक की आत्मा उसके परिजनों के साथ रहती है। गरुड़ पुराण में मृत्यु से पहले और मृत्यु के बाद की स्थिति के बारे में विस्तार से वर्णन है। जिसे सुनने से मृतक की आत्मा को सद्गति प्राप्त होती है। इसलिए मृतक को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है।
गरुड़ पुराण पढ़ने के लाभ
गरुड़ पुराण का पाठ करने से व्यक्ति को अनेक लाभ होते हैं। ऐसा माना जाता है कि गरुड़ पुराण को पढ़ने से सभी सुख मिलते हैं। तथा मनुष्य के सभी प्रकार के ज्ञात और अज्ञात पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य मोक्ष का भागीदार बन जाता है।
मानव को गरुड़ पुराण को पढ़ने से पता चलता है कि, उन्हें अपने जीवन में कैसे कार्य करना चाहिए। और किस कर्म को करने से बचना चाहिए। गरुड़ पुराण के श्रवण / पठन के पश्चात व्यक्ति की आत्मा भटकती नहीं जिससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
गरुड़ पुराण में बताई इन नियमों का हमेशा करें पालन
- महापुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को दान-धर्म हमेशा करते रहना चाहिए। जो व्यक्ति दान-धर्म में लिप्त रहता है, उससे माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं और साधक को धन-ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इसके साथ दान करने वाले व्यक्ति को कई प्रकार के दोष से मुक्त मिल जाती है। मान्यता यह भी है कि दान-धर्म करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को कभी भी अनैतिक रूप से धन अर्जन नहीं करना चाहिए। ऐसा धन विनाश का रूप ले सकता है। इन पैसों से केवल कुछ समय के लिए ही लोभ को शांत किया जा सकता है। लेकिन इससे माता लक्ष्मी क्रोधित हो जाती हैं। इसलिए व्यक्ति को हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हुए धन कमाना चाहिए।
- गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जहां महिलाओं का सम्मान किया जाता है, वहीं माता लक्ष्मी का वास होता है। महिलाओं से दुर्व्यवहार करते वाले व्यक्ति को यमलोक और धर्तिलोक दोनों पर यातनाओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए भूलकर भी महिलाओं का अपमान ना करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं।
- गरुड़ पुराण में धर्म-अधर्म के साथ-साथ बताया गया है कि जहां बड़े-बुजुर्ग और माता-पिता का आदर व सेवा की जाती है, वहीं देवताओं का वास होता है। ऐसे घर में माता लक्ष्मी सदैव वास करती हैं और व्यक्ति को धन-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। बड़ों का सम्मान करने वाला व्यक्ति ही सभी समस्याओं से दूर रहता है और हर कदम पर सफलता प्राप्त करता है।
इन 10 लोगों के घर भोजन नहीं करना चाहिए, जानिए क्या है इसका कारण
1. कोई चोर या अपराधी
कोई व्यक्ति चोर है, न्यायालय में उसका अपराध सिद्ध हो गया हो तो उसके घर का भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पापों का असर हमारे जीवन पर भी हो सकता है।
2. चरित्रहीन स्त्री
यहां चरित्रहीन स्त्री का अर्थ यह है कि जो स्त्री स्वेच्छा से पूरी तरह अधार्मिक आचरण करती है। गरुड़ पुराण में लिखा है कि जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के यहां भोजन करता है, वह भी उसके पापों का फल प्राप्त करता है।
3. सूदखोर
जो लोग दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अनुचित रूप से बहुत ज्यादा ब्याज प्राप्त करते हैं, गरुड़ पुराण के अनुसार उनके घर पर भी भोजन नहीं करना चाहिए। गलत ढंग से कमाया गया धन, अशुभ फल ही देता है।
4. रोगी व्यक्ति
यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, कोई व्यक्ति छूत के रोग का मरीज है तो उसके घर भी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति के यहां भोजन करने पर हम भी उस बीमारी का शिकार हो सकते हैं।
5. बहुत ज्यादा क्रोधी व्यक्ति
अक्सर क्रोध के आवेश में व्यक्ति अच्छे और बुरे का फर्क भूल जाता है। इसी कारण व्यक्ति को हानि भी उठानी पड़ती है। जो लोग हमेशा ही क्रोधित रहते हैं, उनके यहां भी भोजन नहीं करना चाहिए। यदि हम उनके यहां भोजन करेंगे तो उनके क्रोध के गुण हमारे अंदर भी प्रवेश कर सकते हैं।
6. नपुंसक या किन्नर
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि किन्नरों को दान देना चाहिए, लेकिन इनके यहां भोजन नहीं करना चाहिए। किन्नर कई प्रकार के लोगों से दान में धन प्राप्त करते हैं। इन्हें दान देने वालों में अच्छे-बुरे, दोनों प्रकार के लोग होते हैं।
7. निर्दयी व्यक्ति
यदि कोई व्यक्ति निर्दयी है, दूसरों के प्रति मानवीय भाव नहीं रखता है, सभी को कष्ट देते रहता है तो उसके घर का भी भोजन नहीं खाना चाहिए। ऐसे लोगों द्वारा कमाया हुए पैसों से बना खाना खाने से हमारा स्वभाव भी वैसा ही बन सकता है।
8. चुगलखोर व्यक्ति
चुगली करने वाले लोग दूसरों को परेशानियों फंसा देते हैं और खुद मजे लेते हैं। इस काम को भी पाप की श्रेणी में रखा गया है। अत: ऐसे लोगों के यहां भोजन करने से बचना चाहिए।
9. नशीली चीजें बेचने वाले
नशा करना भी पाप की श्रेणी में ही आता है और जो लोग नशीली चीजों का व्यापार करते हैं, गरुड़ पुराण में उनके यहां भोजन करना वर्जित किया गया है।
10. निर्दयी राजा
राजा का कर्तव्य है कि प्रजा का ध्यान रखें और अपने अधीन रहने वाले लोगों की आवश्यकताओं को पूरी करें। जो राजा इस बात का ध्यान न रखते हुए सभी को सताता है, उसके यहां का भोजन नहीं खाना चाहिए।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है