गौहाटी हाईकोर्ट () ने हाल ही में एक वकील को जींस पहनकर कोर्ट में आने के बाद उसको अदालत परिसर से हटाने के लिए पिछले साल दिए गए अपने आदेश में कोई भी बदलाव करने से इनकार कर दिया. जस्टिस कल्याण राय सुराणा ने अपने आचरण को सही ठहराने की कोशिश करने के लिए वकील बिजन कुमार महाजन की कड़ी खिंचाई की. ‘बार एंड बेंच’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इस आधार पर हाईकोर्ट पहले के आदेश में बदलाव की मांग की थी कि जींस को गौहाटी हाईकोर्ट के नियमों के तहत साफ तौर से बाहर नहीं रखा गया है. भले ही उन्हें बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के नियम के तहत बाहर रखा गया है.
जींस पहनने की दलील पर क्या कहा हाई कोर्ट ने?
हाई कोर्ट ने कहा, ”अगर जींस अदालत में पहनी जा सकती है तो आवेदक अगली बार पूछ सकता है कि उसे फैशनेबल माने जाने वाली फटी जींस, फेडेड जींस, प्रिंटेड पैच वाली जींस में अदालत में पेश होने की अनुमति क्यों नहीं दी जाएगी या उसे केवल इसलिए ब्लैक ट्रैक पैंट या ब्लैक पायजामे में पेश होने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि गौहाटी हाई कोर्ट के नियमों ने विशेष रूप से उन्हें बाहर नहीं रखा है.”
कोर्ट ने कहा कि न्यायालय बार काउंसिल ऑफ इंडिया, बार काउंसिल ऑफ असम, नागालैंड, आदि जैसे उचित और आवश्यक पक्षों के साथ-साथ इस न्यायालय को नोटिस दिए बिना इस मुद्दे पर निर्णायक रूप से निर्णय लेने से परहेज करता है.
जस्टिस सुराणा ने कहा कि अदालत परिसर के भीतर वकील के ड्रेस कोड का पालन करना प्रत्येक पीठासीन न्यायिक अधिकारी और हाई कोर्ट के न्यायाधीश के अधिकार क्षेत्र में है.
हाईकोर्ट ने इस बात पर विचार करने से इनकार कर दिया कि क्या गौहाटी हाईकोर्ट (वकीलों की प्रैक्टिस की शर्तें) नियम, 2010 का ड्रेस कोड पर बीसीआई के नियमों से ऊपर होगा. हाईकोर्ट ने इस सवाल को अधिक उपयुक्त कार्यवाही में फैसले के लिए छोड़ दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि ‘यह न्यायालय बार काउंसिल ऑफ इंडिया, बार काउंसिल ऑफ असम, नागालैंड, आदि जैसे उचित और आवश्यक पक्षों के साथ-साथ इस अदालत को नोटिस दिए बिना इस मुद्दे पर निर्णायक रूप से फैसला लेने से परहेज करता है.’
वकील ने क्या दी दलील?
वकील महाजन जनवरी 2023 में गिरफ्तारी पूर्व जमानत मामले की सुनवाई के दौरान जींस पहनकर कोर्ट में पेश हुए थे. कोर्ट परिसर से निकाले जाने पर महाजन ने अदालत के आदेश में संशोधन की मांग करते हुए एक अर्जी दी थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें अदालत से नहीं हटाया जा सकता था क्योंकि गौहाटी हाई कोर्ट (अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस की शर्तें) नियम, 2010 के नियम 16 में जींस को बाहर नहीं रखा गया है.
वकील ने यह भी कहा कि अदालत को उन्हें हटाने के लिए पुलिस कर्मियों को नहीं बुलाना चाहिए था क्योंकि वह सुरक्षा के लिए खतरा नहीं थे.