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जाने – कौन है आईपीएस ऋचा तोमर ? किसान परिवार में जन्मी जिन्होंने चुनौतियों से बगावत कर बनाई अपनी अलग पहचान

मदन मोहन भास्कर

स्मार्ट हलचल|आईपीएस ऋचा तोमर एक तेज-तर्रार और युवा अधिकारी हैं, जिन्हें उनके कड़े और निडर स्वभाव के कारण अक्सर ‘लेडी सिंघम’ से कम नहीं माना जाता। पिछले साढ़े पांच साल से वह जहां भी तैनात रही हैं, वहां अपराधियों में उनका खौफ साफ देखने को मिला है।आईपीएस ऋचा तोमर उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का काम करती है, जो शादी और बच्चे होने के बाद भी अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं। ऋचा तोमर के पति भी दिल्ली में असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस हैं।

जन्म- आईपीएस ऋचा तोमर यूपी के बागपत जिले के हसनपुर जिवानी गांव में 26 दिसम्बर 1986 को राजेंद्र पाल सिंह के घर में जन्म लिया । उनके पिता किसान है। उनके 6 भाई बहन है। जिनमें वे चौथे नंबर पर है। उनकी सभी बहनें उच्च शिक्षा प्राप्त है और भाई ने भी गेट परीक्षा पास की है। ऋचा स्कूली दिनों से ही पढ़ाई में काफी तेज थी। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई बागपत शहर से ही हुई है। इसके बाद इन्होंने चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ से बीएससी की डिग्री हासिल की।इसमें ये टॉपर रह चुकी है। इन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन में माइक्रो बायोलॉजी से एमएससी की। ऋचा तोमर ने नेट परीक्षा और जेआरएफ भी परीक्षा पास की। जिसके बाद इन्होंने अपनी PHD पूरी की थी. रिचा ने वर्ष 2016 में यूपीएससी परीक्षा पास की थी। लेकिन उस वक्त उनका तीन महीने का बच्चा था, जिसे छोड़कर वह ट्रेनिंग पर नहीं जा सकती थी। बच्चे के 1 साल होने पर वह उसे अपने सास-ससुर के पास छोड़कर ट्रेनिंग के लिए गईं। ऋचा तोमर के पिता राजेंद्र पाल सिंह बताते हैं कि किस तरह उन्होंने हर विपरीत हालात में भी अपनी पांचों बेटियों को उच्च शिक्षा दी । उनकी पांच बेटियों में ऋचा चौथे नंबर की हैं।उनकी बड़ी बेटी पूजा, दीपा और डॉ प्रियंका उच्चशिक्षा प्राप्त हैं। तो तीनों दामाद अच्छे पद पर है। वहीं चौथी बेटी ऋचा ने आईपीएस अधिकारी बनकर पूरे परिवार का मान बढ़ाया है । राजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि ऋचा की पांचवीं बहन निवेदिता शिक्षिका है । वो उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग में वरिष्ठ सहायक हैं। वहीं पांचों भाइयों में सबसे छोटा भाई रजत बीआईटी रांची से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने इससे पहले गेट की परीक्षा पास की थी ।

शिक्षा- चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ से बीएससी टॉपर रही ऋचा ने पोस्ट ग्रेजुएशन माइक्रो बायोलॉजी से किया है। नेट परीक्षा और जेआरएफ पास करने वाली ऋचा तोमर ने वर्ष 2015 में यूपीएससी परीक्षा पास की थी, लेकिन गोद में 3 महीने का बच्चा होने से ऋचा ट्रेनिंग पर नहीं जा सकी।

आईपीएस ऋचा तोमर ने मदन मोहन भास्कर को दूरभाष पर जानकारी देते बताया कि आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान अपने बच्चे से दूर होना उनके लिए काफी मुश्किल भरा रहा था। ऋचा तोमर का बच्चा जब 1 साल का हो गया तो उन्होंने सास-ससुर के पास उसे छोड़कर 2016 में आईपीएस ट्रेनिंग पूरी की थी। ऋचा आईपीएस ट्रैनिंग में अपने बैच की टॉपर्स में से एक रहीं।आईपीएस ट्रेनिंग के बाद ऋचा तोमर को राजस्थान कैडर अलॉट किया गया। वर्ष 2019 में उन्हें ऑल राउंड लेडी प्रोबेशनर के तौर पर आईपीएस बैच की ट्रॉफी भी दी गई थी‌। यह ट्रॉफी उस प्रोबेशनर को दी जाती है, जिसने ट्रेनिंग के दौरान सबसे बढ़िया प्रदर्शन किया हो।

 

पहले ही प्रयास में पास की यूपीएससी की परीक्षा

ऋचा तोमर ने बताया कि उनकी लाइफ स्टाइल में यह संभव नहीं था कि वह लगातार कहीं रहकर कोचिंग करें और महंगी पढ़ाई का खर्च उठा सकें, ऐसे में उनके पिता के कुछ परिचित व्यक्ति जो इस लाइन में पहले निकल गए थे, उनसे गाइडेंस लेकर मन लगाकर पढ़ाई कर पहले ही बार में यूपीएससी क्लियर कर लिया। अगर वह पहली बार में क्लियर नहीं कर पाती तो आगे उनके लिए तैयारी करना बड़ा ही मुश्किल हो जाता।

दूध पीते बच्चे को छोड़कर की ट्रेनिंग

यूपीएससी में सलेक्ट होने से पहले ही आईपीएस ऋचा तोमर की शादी हो चुकी थी। उस वक्त ऋचा का बेटा कुछ ही महीना का था और खुद ऋचा भी फिजिकली फिट नहीं थी। यही वजह थी कि 2015 की बजाय 2016 बैच की ट्रेनिंग में जाना पड़ा। ऐसे में आईपीएस की कठिन ट्रेनिंग ली। ऋचा तोमर ने सफलतापूर्वक न केवल ट्रेनिंग पूरी की, बल्कि बैच की टॉपर भी रही।

अलग पहचान बनाने का आया ख्याल

आईपीएस ऋचा तोमर जब छोटी थी, तो उनके गांव के लोग अक्सर पूछते थे कि तुम कौन से नंबर की लड़की हो ? यानी की लोग उन्हें नाम से नहीं, बल्कि उनके माता-पिता की चौथी संतान के रूप में पहचानते थे। फिर क्या था छोटी ऋचा ने ठान लिया कि वह अपनी पहचान बनाएंगी, ताकि लोग उन्हें उनके नाम से जाने और अब ऋचा तोमर किसी पहचान की मोहताज नहीं है।

आईपीएस ऋचा तोमर का करियर

ऋचा तोमर 2016 बैच की अधिकारी है। प्रशिक्षण के बाद सितंबर 2019 से जून 2020 तक सहायक पुलिस आयुक्त, मानसरोवर, जयपुर ,आयुक्तालय में हुई । इसके बाद जून 2020 से जनवरी 2021 तक कमांडेंट 8वीं बटालियन, आर ए सी, नई दिल्ली रही । जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक उपायुक्त पुलिस, जयपुर मैट्रो रेल कारपोरेशन जयपुर में रही । अक्टूबर 2021 से जून 2022 तक पुलिस उपायुक्त जयपुर शहर पश्चिम में तैनात रही । जुलाई 2022 से लगभग तीन साल झालावाड़ पुलिस अधीक्षक पद पर रही ।
वर्तमान में ऋचा तोमर डीडवाना कुचामन जिले की एसपी हैं।

जिंदगी होलिस्टिक पैकेज

जिंदगी एक होलिस्टिक पैकेज बताते हुए ऋचा तोमर कहती है कि ईश्वर सबको बराबर मौके देता है। किसी को कही कुछ ज्यादा मिल जाता है, तो दूसरी जगह कमी हो जाती है। इसी प्रकार से किसी और व्यक्ति को वहां ज्यादा मिल जाता है, जहां से आपको काम मिला है, लेकिन जहां आपको ज्यादा मिला है वहां से उसको कम मिला होता है।

कानून व्यवस्था में सुधार हेतु किये अनेक कार्य

आईपीएस ऋचा तोमर की जहाँ भी पोस्टिंग रही वहाँ अनेक अच्छे काम किये है, जिससे कानून व्यवस्था को सुधारने में कामयाब रही है। पेचीदा आपराधिक मामलों को सरलता से सुलझाने में ऋचा तोमर बेजोड़ माना जाती है। आईपीएस ऋचा तोमर ने बताया कि बच्चे से दूर होना, उनके लिए काफी मुश्किल भरा रहा लेकिन इन्होंने अपनी ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी की।

कुचामन हत्याकांड में एक्शन से चर्चा में आईं एसपी ऋचा तोमर

कुचामन में कारोबारी रमेश रुलानिया हत्याकांड हुआ था। इस हत्याकांड में एक्शन से आईपीएस ऋचा तोमर चर्चा में आ गईं। डीडवाना-कुचामन एसपी ऋचा तोमर के नेतृत्व में पुलिस टीम ने हत्याकांड के तीसरे दिन ही 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने दावा किया है कि मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अपराधियों के प्रति कोई रहम नहीं -आईपीएस ऋचा तोमर
ऋचा तोमर ने अपराधियों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के खिलाफ कोई रहम न बरतने की सख्त नीति अपना रखी है। रमेश रुलानिया हत्याकांड की जांच में मकराना निवासी शफीक खान (जिसके तार गैंगस्टर से जुड़े हैं) का नाम सामने आते ही, पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी से पहले उसके अवैध धंधों पर बुलडोजर चलाया और अवैध रूप से चलाए जा रहे होटल-रेस्टोरेंट को बंद करवाया। इस पुलिस कार्रवाई के दौरान समुदाय विशेष के सैकड़ों लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन एसपी ऋचा तोमर ने स्पष्ट कर दिया कि अपराधियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और एक्शन जारी रहेगा।

जानें – कैसे की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी ?

एक महिला का आगे बढ़ना तभी संभव हो पाता है जब उसमें कमाल का जज्बा हो। सीजेरियन डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाएं अपने शरीर को कमजोर मानकर पीछे हटती है। लेकिन आईपीएस ऋचा ने जिस वक्त आईपीएस परीक्षा पास की, उनका बेटा महज एक साल का था। आईपीएस बनने के लिए शारीरिक चुस्ती-फुर्ती भी मायने रखती है।ऋचा ने अपने कठिन परिश्रम से खुद को पूरी तरह फिट किया। ऋचा ने अकादमी में शुरुआती दिन काफी मुश्किल से निकाले, फिर स्पोर्टस प्रैक्टिस से खुद को फिट किया। उन्हें पूरी तैयारी में उनके पति, सास-ससुर,माता,पिता ने भी बहुत सहयोग दिया। एसपी तोमर ने बताया कि अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस पूरी तरह सतर्क है। अपराधियों और बदमाशों की सूची तैयार कर उन पर निगरानी रखी जा रही है। संगठित अपराध करने वालों की पहचान की जा रही है। आपराधिक घटनाओं में शामिल बदमाशों पर तत्काल कार्रवाई होगी। साइबर क्राइम रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। पुलिस और जनता के बीच बेहतर तालमेल बनाया जाएगा। सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी। पुलिस को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा। एसपी ने कहा कि राजस्थान पुलिस की प्राथमिकताओं को पूरा करना सर्वोच्च एजेंडा रहेगा। स्ट्रीट क्राइम रोकने के लिए विशेष योजना बनेगी। नशीली दवाओं से जुड़े अपराधों पर अंकुश लगाया जाएगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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