:- एक महिने में भेंट पात्र से निकले 43 लाख रूपये, सोने व चान्दी के आभूषण भी भक्तों ने किए भेंट
राजेन्द्र बबलू पोखरना
कोटड़ी/स्मार्ट हलचल। मुख्यालय पर मेंवाड़ के एतिहासिक धाम भगवान श्रीचारभुजानाथ के दरबार में शनि अमावस्या पर दिनभर रिमझिम बरसात के बावजूद भी प्रभू की एक झलक पाने के लिए आस्था का सेलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही श्रद्धालुओं का भीगते हुए हाथों में प्रसाद, अगरबत्ती व धान की मुठड़ी ले कर लंबी दूरी पैदल यात्रा पूरी कर प्रभू के चरणों में मत्था टेक अपने को धन्य महसूस किया। सुबह भगवान का पण्डितों के द्वारा मन्त्रोच्चारण कर दुग्धाभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान को स्वर्णाभूषणों से जड़ित पोषाक धारण करा महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। मन्दिर परिसर में ही भजन कलाकारों द्वारा चारभुजानाथ, भोलेनाथ सहित अनेक देवी-देवताओं पर आधारित भजनों की प्रस्तूति पर श्रद्धालू भाव विभोर हो गए। वहीं मन्दिर परिसर में रखे भेंटपात्रों को श्रीचारभुजा मन्दिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा भक्तों की मौजूदगी में प्रतिमाह खोले जाने वाले दानपात्रों को खोले गए। पेंशनर समाज के सदस्यों द्वारा नोटों की गिनती की गई जिसमें 43 लाख 57 हजार 153 रूपये की गिनती पूरी कर सार्वजनिक पटिका पर लिखा गया। साथ ही 5 ग्राम 560 मिली ग्राम सोना व 598 ग्राम चान्दी के आभूषण दर्ज किए गए। श्रीचारभुजानाथ के दरबार में रखे भेंट पात्र में भक्तों ने श्रद्धा से राशि डाल कर प्रभू चरणों में अर्पित करने के साथ ही गणेश मन्दिर, भीमा शंकर महादेव मन्दिर, नीलेश्वर महादेव मन्दिर तथा चारभुजानाथ के सन्मुख स्थित सर्वेश्वर महादेव मन्दिर में रखे भेंट पात्रा में भी खुल कर राशि भेंट कर रहे है। हालांकि बाजार में ग्राहकों की भीड़ कम नजर आई। श्रीचारभुजा मन्दिर ट्रस्ट के कर्मचारी व श्रद्धालुओं ने भक्तों के दर्शन व व्यवस्थाओं में विशेष सहयोग किया। शनिअमावस्या के साथ ही कोटड़ी जलझूलन महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई। भीलवाड़ा मुख्यालय स्थित बड़ी मन्दिर के भगवान श्रीचारभुजानाथ के दरबवार में मत्था टेक कर बड़ी संख्या में श्रद्धालू कोटड़ी श्याम के लिए शुक्रवार देर शाम को निकले जिन्होने रातभर पदयात्रा पूरी कर डीजे के भजनों पर नाचते प्रभू का जयकारा लगाते हुए सुबह कोटड़ी पंहुच कोटड़ी श्याम के दर्शन किए। वहीं आसपास के श्रद्धालुओं ने भी एकजुट हो कर भगवान के दर्शनार्थ पंहुचे। दिनभर श्रद्धालुओं का जत्था पंहुचने से कस्बे में प्रभू भजनों की धुन पर नाचते गाते भक्तों की चहल कदमी बनी रही।