पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । महात्मा गांधी चिकित्सालय के नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) की छात्राएं खुलकर सामने आ गई हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि अस्पताल में ड्यूटी के दौरान उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और नर्सिंग स्टाफ की ओर से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।इस दौरान गुरुवार को छात्राओं ने जिला अस्पताल में नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।साथ ही छात्राओं ने चिकित्सा अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि उन्हें ड्यूटी के नाम पर पूरे वार्ड का कार्यभार सौंप दिया जाता है। स्टूडेंट्स से न केवल मरीजों का भर्ती पंजीकरण, भामाशाह रजिस्टर में एंट्री, उपचार से जुड़ा लेखन कार्य और दवाइयों का प्रबंधन करवाया जाता है, बल्कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कार्य भी जबरन कराया जाता है।
छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि यदि वे इन कार्यों से मना करती हैं तो नर्सिंग स्टाफ की ओर से उनके साथ अशोभनीय भाषा में बात की जाती है। खासकर रात्रि ड्यूटी के दौरान स्टाफ खुद तो सोते हैं, लेकिन छात्राओं पर सभी जिम्मेदारियां थोप दी जाती हैं।
छात्राओं का कहना है कि एक माह में दो बार रात्रि ड्यूटी लगाई जाती है और जब वे इसका विरोध करती हैं तो उन्हें डराया-धमकाया जाता है। इस पूरी व्यवस्था से उनका मानसिक और शारीरिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है। छात्राओं ने चिकित्सा अधीक्षक से इस गंभीर समस्या के शीघ्र समाधान की मांग की है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगी।