सवाईपुर, सांवर वैष्णव। जिस उम्र में दूसरों की गोद में रहकर उठना बैठना व चलना सीखा जाता है उसे उम्र में बाल विवाह जैसी कुप्रथा में बंधकर नया सपना कैसे देखा जा सकता है, ऐसा ही मामला जिले में सामने आया कि खेलने कूदने की उम्र में शकरगढ़ थाना क्षेत्र का 1 साल का बालक व काछोला थाना क्षेत्र की 2 साल की बालिका, जो दोनों ही एक दूसरे के हमसफर बनने जा रहे थे, लेकिन संस्थान भीलवाड़ा व पुलिस ने बाल विवाह रोकथाम हेतु चलाए जा रहे अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए दोनों परिवारों को पाबंद करवाया । जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस के सहयोगी संगठन संस्थान द्वारा एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन परियोजना के तहत भीलवाडा जिले में बाल विवाह के खिलाफ मजबूती से अभियान चलाते हुए यह सुनिश्चित करने में लगा है कि भीलवाडा जिले को जल्द से जल्द बाल विवाह मुक्त बनाया जाये, आखातीज पर अबूझ सावो के तहत संस्थान द्वारा भीलवाडा जिले के काछोला व शक्करगढ़ थाना क्षेत्र के देवपुरिया , आमली ( शीतला का खेड़ा ) व श्रीपुरा गांव से बाल विवाह की जानकारियां प्राप्त हुई, जिसकी जानकारी संस्थान टीम द्वारा संबंधित थानाधिकारी को दी गई, काछोला थानाप्रभारी श्रद्धा पचौरी व शक्करगढ़ थानाप्रभारी हेमराज मीणा के निर्देशन पर संस्थान से जिला समन्वयक जितेंद्र सिंह तोमर, भगवत सिंह चारण व थाना टीम से मोहनलाल के नेतृत्व में संबंधित थाने की टीम मौके पे जाकर नाबालिग बच्चों के कागजात चैक किए, जिस पर देवपुरिया गांव की बालिका की उम्र 1 साल व श्रीपुरा के बालक की उम्र 2 साल होकर नाबालिक पाई व आमली (शीतला का खेड़ा) व देवपुरिया अन्य बच्चो की उम्र 15 व 16 पाई गई, जिस पर बाल विवाह रुकवाया गया और परिजनों को बाल विवाह न करने हेतु पाबंद किया व जब तक बच्चे बालिग नही हो जाते है, तब तक उनकी शादी नही करेगे, यह सपथ पत्र लेकर बाल विवाह न करने की समझाइश की, परिजनों को उपखंड अधिकारी के सामने पेश किया गया व हिदायत दी कि अगर आप अपने बच्चों की शादी नाबालिक उम्र में करते हैं तो आपके विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी । संस्थान सचिव अरुण कुमावत के मार्गदर्शन में भीलवाडा टीम से जिला समन्वयक जीतेन्द्र सिंह तोमर ,रेड एंड रेस्क्यू ऑफिसर भगवत सिंह चारण शामिल रहे । |