भीलवाड़ा, पेसवानी
पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक मुक्त समाज की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए गोकुल डेयरी ने “प्लास्टिक से पर्यावरण को बचाने” की मुहिम की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत आज डेयरी प्रबंधन की ओर से नोगांवा, पुर प्लांट पर दुग्धदाताओं को कपड़े के बैग वितरित किए गए। इस अवसर पर डेयरी के प्रबंध संचालक अशोक चौबे ने कहा कि बढ़ते प्लास्टिक उपयोग से पर्यावरण को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए प्लास्टिक की जगह कपड़े या जूट के बैग का उपयोग शुरू करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि डेयरी की यह पहल केवल दुग्धदाताओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आगामी दिनों में गोकुल डेयरी के सभी स्टाफ मेम्बर्स, ट्रांसपोर्टर, वितरक, डीलर एवं संकलन केंद्र संचालकों को भी कपड़े के बैग वितरित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य समाज में पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना और प्लास्टिक के विकल्प के रूप में टिकाऊ वस्तुओं के उपयोग को प्रोत्साहित करना है।
चौबे ने कहा कि डेयरी उद्योग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों के जीवन से जुड़ा हुआ है। ऐसे में यदि हर व्यक्ति अपने स्तर पर छोटे-छोटे बदलाव करे तो यह बड़ा परिवर्तन बन सकता है। उन्होंने कहा कि डेयरी प्रबंधन का लक्ष्य है कि आने वाले समय में गोकुल डेयरी पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त कार्य प्रणाली अपनाए। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर जागरूकता कार्यक्रम और प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित दुग्धदाताओं ने भी इस पहल की सराहना की और संकल्प लिया कि वे प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बंद कर देंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक प्रदूषण से खेतों की उपज, जल स्रोतों और पशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए यह अभियान अत्यंत आवश्यक बताया गया।
डेयरी प्रबंधन की यह पहल स्थानीय स्तर पर एक सकारात्मक उदाहरण बनकर उभर रही है। पर्यावरण प्रेमी व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस अभियान को जनहित में आवश्यक बताया और कहा कि यदि प्रत्येक संस्था इस प्रकार का कदम उठाए तो आने वाले समय में समाज को स्वच्छ, स्वस्थ और प्लास्टिक-मुक्त बनाया जा सकता है।
इस मौके पर डेयरी के अधिकारी, कर्मचारी, दुग्ध संग्राहक और स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने “प्लास्टिक हटाओ – धरती बचाओ” का संदेश देते हुए पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।


