:- सुमन गुर्जर ने संभाला कोटड़ी उपखण्ड अधिकारी का पदभार
राजेन्द्र बबलू पोखरना
कोटड़ी/स्मार्ट हलचल। मुख्यालय पर उपखण्ड अधिकारी के रिक्त पद पर सुमन गुर्जर ने पदभार गहण किया। उन्होने भगवान श्रीचारभुजानाथ के दर पर मत्था टेकने के बाद उपखण्ड कार्यालय पंहुचे तथा पदभार ग्रहण किया। कोटड़ी कस्बे में उपखण्ड अधिकारी के पद पर पहली पोस्टिंग मिलने से अपने आप को धन्य महसूस कर रही है। पद पर आसीन होने से पूर्व भी कई बार प्रभू चारभुजानाथ के दर्शन करने आए है तथा आरएएस पास करने के बाद भगवान से कोटड़ी में पहलली पोस्टिग कोटड़ी के लिए गुहार लगाई जो सोमवार को पदभार ग्रहण करने के साथ ही पूरी हई है। उन्होने बताया कि क्षेत्र में जनता को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने तथा सरकार की योजनाओं को धरातल पर पूरी जिम्मेदारी से उतारना प्राथमिकता रहेगी ताकि क्षेत्र के लोगों को लाभ मिल सके। उन्होने पदभार ग्रहण करने के बाद उपखण्ड कार्यालय के कार्मिकों से लंबित मामलों के अलावा क्षेत्र के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए समय पर न्याय मिले इसके लिए सभी पूरी जिम्मेदारी से काम करने के निर्देश भी दिए। गुर्जर के पदभार ग्रहण करने पर अनेक विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधियों ने भी स्वागत किया।
कोटड़ी में शिक्षिका व आरएएस में उपखण्ड अधिकारी के पद पर मिली पहली नियुक्ति
कोटडी उपखंड की रेड़वास ग्राम पंचायत के राजकीय प्राथमिक विद्यालय भीलोंकाझोंपड़ा में वर्ष 2012 में अध्यापक पद पर चयन से अपने केरियर की शुरुआत हुई। राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2018 मे चयन होकर भीलवाड़ा जिला परिषद में लेखा अधिकारी के रूप में कार्यरत होकर निरंतर अध्ययन किया। परिणाम स्वरूप एमबीसी डब्ल्यू डी श्रेणी में राजस्थान में प्रथम रैंक प्राप्त हुई। एसडीएम सुमन गुर्जर ने बताया कि कठिन परिश्रम और मजबूत हौसले से ही लक्ष्य की प्राप्ति संभव है। परिवार में कई प्रकार की घटना के बाद भी अपने इरादे को मजबूत रखने से इस मुकाम पर पहुंचा जा सका है। कम उम्र में शादी होने और बीस वर्ष की उम्र में पति के खो देने वाली आठवीं तक पढीं सुमन ने हार नहीं मानी फिर से अपने जीवन की शुरुआत करने का निर्णय किया। पति की मृत्यु के बाद दो बेटों के साथ परिवार की जिम्मेदारी को भी संभाला। महिलाओं की नकारात्मक सोच को बदलने की ठानी। दसवीं में सेकंड डिवीजन पास होकर 12वीं की और एसटीसी करने के बाद 2012 में कोटड़ी पंचायत समिति के रेडवास पंचायत स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय भीलोंकाझोपड़ा में तृतीय श्रेणी अध्यापक पद मिला और यहीं से राजकीयसेवा की शुरूआत हुई। कुछ कर गुजरने का सिलसिला 2016 में राजनीति विज्ञान की व्याख्याता पद पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मंगरोप में तथा 2018 में राजकीय माध्यमिक विद्यालय लोटियास बनेड़ा में प्रधानाध्यपिका का चार्ज होने के बावजूद 2018 में आरएएस परीक्षा पास कर लेखा अधिकारी बनी। उसके बाद भी अध्ययन का सफर जारी रखने से राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी एमबीसी डब्ल्यू डी श्रेणी में राजस्थान में प्रथम रैंक प्राप्त होने का गौरव मिला। उन्होंने कहा कि निरंतर परिश्रम करते रहने से मंजिल प्राप्त की जा सकती है। उन्होने बताया कि पिता ख्याति प्राप्त पहलवान मदन गुर्जर उनके आदर्श रहे। महिलाओं में रक्तदान के भय को दूर करते हुए कोटड़ी जलझूलन महोत्सव के दौरान सहयोग सेवार्थ फाउण्डेशन के तत्वाधान में लगे रक्तदान शिविर में रक्तदान किया तथा महिलाआं को इसके लिए प्रेरित भी किया। अध्यापिका से आएएस बनने के कठिन समस्याओं से जूझते हुए सफर को तय करने से जिला परिषद, पंचायत समिति तथा अनेक विभागों के महत्वपूर्ण पदो पर काम करने के बाद आरएएस में पहली नियुक्ति कोटड़ी उपखण्ड अधिकारी के पद पर हुई है।