आमेसर, स्मार्ट हलचल ( कृष्ण गोपाल शर्मा)
ग्राम पंचायत आमेसर, पंचायत समिति आसींद में नालियों की सफाई को लेकर प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि कागजों में सफाई का काम दिखाया जा रहा है, लेकिन धरातल पर नालियां वर्षों से साफ नहीं की गई हैं। गंदगी और जलभराव के कारण लोग बुरी तरह परेशान हैं।
सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि नालियों की सफाई को लेकर पंचायत द्वारा हर साल बजट खर्च किया जाता है, लेकिन जमीन पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता। इससे सरपंच और सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि आखिर सफाई के नाम पर खर्च किया गया पैसा कहां गया?
सचिव का दावा: “शिकायत झूठी है”
जब इस बारे में सचिव से बात की गई, तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “यह शिकायत झूठी है। मैंने सफाई करवा दी है।” हालांकि, ग्रामीणों ने सचिव के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि यदि सफाई हुई होती, तो नालियों में जलभराव और दुर्गंध क्यों बनी रहती?
ग्रामवासियों की चेतावनी
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और जिला कलेक्टर से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि यदि नालियों की सफाई और गंदगी की समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो वे उच्च अधिकारियों से शिकायत करेंगे और आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
ग्रामवासियों ने आरोप लगाया कि स्वच्छता के नाम पर केवल औपचारिकताएं निभाई जा रही हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिस स्वच्छता का वादा किया गया था, वह यहां महज एक मजाक बनकर रह गया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर कब जागता है और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करता है।