Grand event of Ramotsav
भीलवाड़ा, स्मार्ट हलचल। श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा पर सम्पूर्ण देश राममय था। राम के अपने निकेतन में लौट आने का उत्साह देश के हर शहर और ग्राम में देखा गया। भीलवाड़ा शहर के क़रीब होने पर भी ग्रामीण संस्कृति से परिपूर्ण क़स्बे सांगानेर में रामोत्सव पर विशेष आयोजन हुए।
कस्बे के युवाओं ने सम्पूर्ण ग्राम को रामोत्सव में सम्मिलित करते हुए इतिहास रच दिया। रामोत्सव हेतु निधि का संग्रहन सामूहिक रूप से किया गया। सौ से अधिक युवाओं ने तन-मन-धन से समर्पित होकर इस आयोजन को सफल बनाया।
इस अवसर पर पूरे सांगानेर कस्बे को “हमारा गाँव, हमारी अयोध्या” थीम पर सुसज्जित किया गया।
भीलवाड़ा शहर से महज़ 4 किलोमीटर की दूरी पर अयोध्या जैसा उत्साह देखा गया। हर गली-मोहल्ले में सामूहिक सहयोग से रोशनी और संगीत की व्यवस्था की गयी। गलियों में सर्वत्र “सजा दो घर को दुल्हन सा, मेरे प्रभु राम आये हैं”, “राम आएंगे मैं अंगना सजाऊंगी” जैसे भजन गूँजते रहे। सांगानेर में ठीक रामनगरी अयोध्या जैसा ही उत्साह देखा गया।
गाँव के बड़े-बुज़ुर्ग भी इस ऐतिहासिक एकता को देखकर विस्मित हो गए। युवाओं के अनुसार गाँव में दीपावली में भी ऐसी रौनक कभी न देखी गयी थी, जैसी इस राम-दीपावली पर हुई।
गाँव के बुज़ुर्ग लादूलाल आगाल ने बताया कि,”हमारी ये पीढ़ी बहुत ही भाग्यशाली हैं, जो हमें इस सौभाग्य को जीने का अवसर मिला है।”
भीलवाड़ा से सांगानेर दर्शन पर आए अनेक शहरी परिवारों ने साजसज्जा और ग्रामीणों का उत्साह देखकर सराहना की, “ऐसा नज़ारा तो शहर में भी नहीं था। सच में अयोध्या बन गयी है ये नगरी।”
तीन दिवसीय रामोत्सव के पहले दिन भगवान चारभुजानाथ के बेवाण (विमान) को पूरे कस्बे में भजनों के साथ पारम्परिक यात्रा करवायी गयी। यात्रा में हजारों बालक-युवा-बुज़ुर्ग और महिलाओं उपस्थिति रही।
द्वितीय दिवस पर विशाल भजन गंगा का आयोजन किया गया। सांगानेर की अनेकानेक भजन गायन की प्रतिभाओं ने इस अवसर पर अपनी प्रस्तुतियाँ दी। सुधीर पारीक ने “मेरे रामजी से कह देना जय सियाराम” अभिनव छापरवाल ने “मेरे सरकार आये हैं” से अपने आराध्य प्रभु श्रीराम को भावांजलि प्रस्तुत की।
श्रीराम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा के दिन प्रातःकाल से ही उत्सव का वातावरण देखा गया। रामोत्सव कि तृतीय दिवस पर ग्रामीणों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गयी। राम भजनों पर झूमते युवाओं ने सम्पूर्ण सांगानेर को राममय कर दिया। इस अवसर पर विविध संगठनों द्वारा प्रभात फेरी का स्वागत करते हुए अल्पाहार दिया गया। प्रभात फेरी के समापन स्थल पर समस्त निवासियों का सामूहिक भोज “एक पंगत-एक संगत” का आयोजन किया गया। जाति पाँति के भेदभाव को पीछे छोड़ते हुए सांगानेर के युवाओं ने इस आयोजन के द्वारा एक अद्भुत मिसाल प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के संयोजक सोहनलाल खटीक पटवारी ने बताया कि सांगानेर के इतिहास में ये अब तक का सबसे विशाल सामूहिक भोजन कार्यक्रम हुआ है। विभिन्न वर्गों के लगभग दस हजार लोगों ने एक ही पंगत में बैठकर प्रभु श्रीराम की प्रसादी ग्रहण की।
तीन दिवसीय रामोत्सव से सम्पूर्ण सांगानेर राममय हो गया।
क़स्बे के सभी मोहल्लों में विभिन्न आयोजन किये गए। गली-मोहल्लों में राम दरबार की झाँकियों का निर्माण किया गया। आज़ाद मोहल्ले में मोहल्ले वासियों द्वारा राम-सीता-लक्ष्मण-हनुमान और रावण का चरित्र धारण कर संक्षिप्त रामलीला का आयोजन किया गया। राम दरबार की सांगानेर के मुख्य मार्गों पर शोभायात्रा निकाली गयी।
यहीं पर 1100 दीपक जलाकर राम दीपावली मनाई गयी।
कल्कि मोहल्ला, मुख्य बाज़ार, कोठारी मोहल्ला आदि में भी विशिष्ट आयोजन किये गए।
आयोजन के अंत में उल्लसित सैंकड़ो युवाओं द्वारा टेम्पो स्टैंड पर नृत्य द्वारा अपने उत्साह का प्रदर्शन किया गया।