संभागीय आयुक्त को मत्स्याखेट ठेका निरस्त करने हेतु दिया ज्ञापन
उदयपुर 16 अप्रैल।स्मार्ट हलचल|शहर की सबसे स्वच्छ झील बड़ी तालाब में पाई जाने वाली दुर्लभ प्रजाति की महासीर मछलियों को बचाने के लिए ग्रीन पीपल समिति ने पहल की है । बुधवार को समिति के अध्यक्ष राहुल भटनागर के नेतृत्व में समिति सदस्यों ने संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी को महासीर मछली संरक्षण की दृष्टि से मत्स्याखेट ठेका निरस्त करने के लिए ज्ञापन दिया। जिसमें राज्य सरकार द्वारा महासीर संरक्षित क्षेत्र बड़ी तलाब के वर्ष 2025 के मछली ठेके दिए जाने के विरोध में प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया। बड़ी झील में महासीर मछली के दोहन से होने वाली क्षति से अवगत कराते हुए इस मछली ठेके को तत्काल निरस्त कराने की मांग की। बडी झील को प्राकृतिक रुप से मीठे एवं स्वच्छ जल की राजस्थान की एकमात्र झील होने का गौरव प्राप्त है। इसके साथ-साथ इसमें महासीर मछली विद्यमान है जिसे कि IUCN द्वारा Endangered and Threatened category में रखा गया है। तथा IUCN की RED LIST में यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण मत्स्य प्रजाति के रूप में अंकित है। यह सामान्यता पहाड़ी इलाकों की जलधारा की मछली मानी जाती है परंतु प्राकृतिक रूप से यह तलहटी क्षेत्र में केवल उदयपुर की एकमात्र बड़ी झील में ही पाई जाती है । बड़ी झील को छोड़कर अन्यत्र कहीं भी इस मछली के मिलने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है । इस मछली की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए मान्य उच्च न्यायालय जोधपुर द्वारा 4.4.2017 को एक आदेश जारी कर राज्य सरकार को निर्देशित किया कि बड़ी तालाब में महासीर मछली के संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं तथा बड़ी तालाब में ऐसी कोई गतिविधि नहीं हो जिससे महासीर मछली के जीवन को कोई नुकसान हो। इस आदेश की पालना स्वरूप पूर्व जिला कलेक्टर उदयपुर द्वारा महासीर संरक्षण हेतु इस झील में मत्स्य ठेके नहीं करने का निर्णय लिया गया था। इसी क्रम में राज्य सरकार ने अपने राज्य पत्र आदेश क्रमांक 3(28)वन/ 2023/ 7.10.23 द्वारा बड़ी तालाब को महासीर संरक्षित क्षेत्र बड़ी लेक घोषित किया। उच्च न्यायालय के निर्देश एवं राज्य सरकार के दिए आदेश उपरांत भी इस वर्ष पुनः मछली का ठेका जारी कर दिया गया । इस दुर्लभ प्रजाति की मछली को संरक्षित करने के लिए ग्रीन पीपल समिति द्वारा वैज्ञानिक अध्ययनों एवं रिसर्च पेपर्स का हवाला देते हुए प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए संरक्षित बड़ी झील में दिए गए मत्स्य विभाग के ठेके के आदेश को निरस्त किये जाने की मांग की । ताकि माननीय उच्च न्यायालय एवं राज्य सरकार द्वारा जरी आदेशों की पालना सुनिश्चित की जा कर महासीर जैसी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ मछली प्रजाति को विलुप्ति की कगार से बचाया जा सके।