गुरला । सत्यनारायण सेन
भीलवाड़ा जिले के गुरला में सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सालय खोलने की मांग लगातार बढ़ रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ लोग आयुर्वेद को समग्र स्वास्थ्य और प्राकृतिक उपचार के लिए पसंद करते हैं; जहां सरकार भी आयुष (AYUSH) को बढ़ावा दे रही है और इसके तहत नए औषधालय और केंद्र खोलने की योजनाएँ बनातीं है, लेकिन कई योजनाएँ फाइलों में फंसी हुई हैं, इसलिए जनता की ओर से इन योजनाओं को तेज़ी से लागू करने और नए चिकित्सालय खोलने की मांग है ताकि सभी को सस्ती और सुलभ आयुर्वेदिक सेवाएँ मिल सकें.
लोगों समग्र स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत:
लोग सिर्फ दवाओं के बजाय योग और प्राकृतिक चिकित्सा सहित समग्र उपचार चाहते हैं.
ग्रामीणों को सस्ती और सुलभ चिकित्सा:
ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की कमी है, जिससे लोगों को शहरों तक जाना पड़ता है.
सरकारी पहल और समर्थन:
केंद्र और राज्य सरकारें आयुष को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे मांग और बढ़ रही है परन्तु ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल रहा है.
आधुनिक दौर में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों प्राकृतिक उपचार की जरूरत:
आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक निवारक और उपचारात्मक उपाय लोकप्रिय हो रहे हैं.
जहां गुरला में एकछत के नीचे योजना में राजकीय चिकित्सालय में आयुर्वेद औषधालय दो साल चला* फिर बन्द हो गया जिसे वापिस राजकीय एकीकृत आयुर्वेदिक चिकित्सालय गुरला में खोलने की ग्रामीणों ने क्षेत्र के विधायक लादू लाल पितलिया , सांसद दामोदर अग्रवाल व मुख्यमंत्री से नया आर्युवेदिक चिकित्सालय खोलने की मांग* की जिससे ग्रामीणों को प्राकृतिक चिकित्सा एवं सस्ती सुलभ चिकित्सा सुविधाएं मिल सके ।


