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गुरू, ग्रंथ एवं माता पिता का अनादर करने वाले की गति नही होती- संत अमृताराम

महेंद्र वैष्णव आमेट
राजसमंद

आमेट राजसमंद श्री जयसिंह श्याम गोशाला एवं भारत विकास परिषद के तत्वावधान में गोसेवार्थ आयोजित श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिन बुधवार को कथा व्यास संत अमृतराम बड़ा राम द्वारा सुरसागर जोधपुर ने कहा कि गुरू, ग्रंथ एवं माता पिता का अनादर करने वाले की गति नही होती है। व्यक्ति को इतना स्वतंत्र भी नही होना चाहिए की उस पर किसी का अंकुश भी नही हो। हर व्यक्ति पर किसी न किसी का नियंत्रण होना आवश्यक है। मां, महात्मा एवं परमात्मा निस्वार्थ प्रेम करते है। अभी कलियुग की बारी है तो यह अपना प्रभाव दिखाएगा। इसलिए व्यक्ति के हद्य में भक्ति उत्पन्न नही हो रही है। आज ज्ञान एवं वैराग्य सो रहे है। भागवत महापुराण से भक्ति पुष्ट हो जाती है। भक्ति के साथ ज्ञान एवं वैराग्य स्वतः आ जाते है। भागवत महापुराण भगवान का शब्दावतार है। दर्पण से चेहरे के दाग साथ कर सकते है। भागवत महापुराण मन के दाग को साफ कर देता है। आनन्द का कोई विलोम नही है। आनन्द से प्रेमानन्द, निजानन्द ओर परमानन्द प्राप्त होता है। सेवा का उपदेश देना सरल है लेकिन सेवा करना कठिन है। गोमाता को मां स्वीकार करने पर उसकी सेवा स्वतः होने लग जाएगी। गोमाता को कष्ट देने वाला महापापी है। वर्तमान में गोसेवा से ही प्रकृति, संस्कृति एवं मानव मात्र को बचाया जा सकता है। शीतलाष्टमी को पर्व सर्दी एवं गर्मी के संधि काल का पर्व है। इस दौरान सर्दी जा चुकी होती है ओर गर्मी आ चुकी होती है। आयुर्वेद के अनुसार गर्मी में बासी भोजन करने से बिमारिया बढ़ती है। इसलिए शीतलाष्टमी को मां शीतला को बासी भोजन का भोग धराया जाता है। इसके बाद वापस सर्दी आने तक बासी भोजन नही करना चाहिए। कथा में आज रो दिवस सखी बलिहारी मेरे घर आए राजा रामजी रा प्यारा…., मैं तो मारे रामजी रा, रामजी हमारे है…., जपो राम नाम सुखदायी ये मेला दो दिन का…..श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हेनाथ नारायण वासुदेवा…आदि मधुर भजनो एवं किर्तन पर श्रोताओ ने झुमकर नृत्य किया। इस दौरान नगरपालिका अध्यक्ष कैलाश मेवाड़ा, सत्य नारायण माहेश्वरी, रामानन्द दाधीच, मनोहर सिंह पंवार, चुन्नीलाल पालीवाल, खुबचन्द माहेश्वरी, द्वारका प्रसाद माहेश्वरी, अशोक गेलडा, जय कुमार माहेश्वरी, ओम प्रकाश माहेश्वरी सहित श्री जयसिंह श्याम गोशाला व भारत विकास परिषद के पदाधिकारी व धर्म प्रेमी महिला पुरुष उपस्थित थे। संचालन श्री जयसिंह श्याम गोशाला के सचिव मदनलाल पुरोहित ने किया।

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