शाहपुरा, पेसवानी
शाहपुरा उपखंड की डाबला चांदा ग्राम पंचायत के गुरूजी का खेड़ा गांव में स्थित वर्षों पुरानी पानी की टंकी इन दिनों जर्जर अवस्था में खड़ी होकर किसी बड़े हादसे को आमंत्रण दे रही है। गांव के मुख्य मार्ग के किनारे बनी यह टंकी अब पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है और इसके ढहने का खतरा हर पल मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि इसे जल्द से जल्द ध्वस्त नहीं किया गया तो कोई बड़ी अनहोनी घट सकती है।
ग्रामीणों के अनुसार यह टंकी वर्षों पहले गांव की पेयजल आपूर्ति के लिए बनाई गई थी। लेकिन लंबे समय से रख-रखाव और मरम्मत नहीं होने के कारण अब यह खस्ताहाल हो चुकी है। टंकी की दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं और जगह-जगह से लोहे के सरिए बाहर निकल आए हैं। आधार कमजोर हो चुका है, जिसके कारण टंकी कभी भी गिर सकती है।
सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह टंकी गांव की मुख्य सड़क के बिल्कुल पास स्थित है। रोजाना इसी सड़क से बच्चे, बुजुर्ग और ग्रामीण आवागमन करते हैं। सुबह-शाम स्कूल जाने वाले बच्चे अक्सर टंकी के पास से होकर गुजरते हैं। यदि अचानक यह ढह गई तो जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों ने कहा कि यह टंकी अब गांव के लिए उपयोगी नहीं बल्कि खतरे का सबब बन गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि वे इस समस्या को लेकर कई बार पंचायत और जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। मौखिक और लिखित दोनों रूपों में शिकायतें की गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही कभी भी गांव के किसी निर्दोष की जान पर भारी पड़ सकती है।
गांव के बुजुर्गों और महिलाओं ने बताया कि बच्चे खेलते-खेलते अक्सर टंकी के आसपास चले जाते हैं। टंकी की कमजोर स्थिति को देखते हुए यह और भी खतरनाक हो जाता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई हादसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और पंचायत की होगी।
गांववासियों ने एक सुर में मांग की है कि गुरूजी का खेड़ा स्थित इस जर्जर टंकी को तुरंत ध्वस्त किया जाए। उनका कहना है कि प्रशासन को इसे प्राथमिकता से लेना चाहिए ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों की अपील है कि पंचायत और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत कदम उठाए और गांव की सुरक्षा सुनिश्चित करे।