मुकेश खटीक
मंगरोप।नगर पालिका में स्टोर शाखा से जुड़े कई कार्यों में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप सामने आया है। शिकायत में चेयरमैन रेखा परिहार, अधिशासी अधिकारी भानुप्रताप सिंह, अकाउंटेंट मोहम्मद शब्बीर, स्टोर कीपर भूपेन्द्र जैन और ठेकेदार हेमन्त पुरी गोस्वामी को जिम्मेदार बताया गया है। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर मैसर्स अंजनी पुत्र सेवा समिति के माध्यम से फर्जी बिलों के जरिए पालिका को लाखों की चपत पहुंचाई।सफाई कार्य का ठेका 70 सफाईकर्मियों के लिए दिया गया, लेकिन मौके पर सिर्फ 20 से 25 कर्मचारी ही लगाए गए। बाकी का भुगतान फर्जी तरीके से उठाया गया। सफाईकर्मियों की ईएसआई और पीएफ भी नहीं काटा गया। आवारा पशुओं को पकड़ने के नाम पर 9.90 लाख रुपए का कार्य इसी फर्म को दिया गया। सौ से ज्यादा सांडों को पकड़ने के फर्जी बिल बनाए गए, जबकि नगर में इतनी संख्या में सांड हैं ही नहीं।आश्रय स्थल के लिए कार्मिक लगाने का कार्य भी इसी फर्म को दिया गया, लेकिन मौके पर कोई कर्मचारी नहीं मिला। फिर भी भुगतान उठा लिया गया। वार्ड 1 से 10 और 11 से 19 तक घर-घर कचरा संग्रहण के लिए दो साल के लिए 24 लाख और 20 लाख के टेंडर दिए गए। आरोप है कि यदि पालिका खुद ऑटो टीपर खरीदती तो 30 से 35 लाख में 4 से 5 टीपर खरीदे जा सकते थे, जो पालिका की संपत्ति बनते। लेकिन ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर दिए गए।दशहरा कार्यक्रम के लिए टेंट, लाइट, फोटोग्राफी, पेयजल और श्रमिक सप्लाई के नाम पर करीब 9.70 लाख के अलग-अलग टेंडर निकाले गए। जबकि इन कार्यों के लिए पहले से सालाना निविदा जारी हो चुकी थी। फिर भी दोबारा टेंडर निकालकर भुगतान उठाया गया।कंप्यूटर ऑपरेटर और डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए 6 लाख का टेंडर निकाला गया। मौके पर 2 से 3 कर्मचारी ही मिले, लेकिन 5 से 6 का भुगतान किया गया। नगर की सफाई के लिए 9 लाख का कार्य दिखाया गया, जो पहले नरेगा से कराया गया था। फिर भी फर्जी भुगतान किया गया।साइन बोर्ड और कचरा पात्र के लिए 10 लाख का कार्य जयपुर की फर्म को दिया गया। दो महीने में ही साइन बोर्ड फट गए और कचरा पात्र उखड़ गए। स्पीड ब्रेकर और 100 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज के लिए 9.90 लाख और 19 लाख के टेंडर Jam पोर्टल पर निकाले गए। जबकि ये निर्माण कार्य सिविल शाखा से होने चाहिए थे। SPPP पोर्टल पर पूरी जानकारी नहीं डाली गई ताकि अन्य ठेकेदार भाग न ले सकें।कुशल,अर्द्धकुशल और अकुशल श्रमिकों की सप्लाई के लिए 9.90 लाख का कार्य भी इसी फर्म को दिया गया। मौके पर कोई कर्मचारी नहीं मिला। स्वागत द्वार निर्माण कार्य भी Jam पोर्टल पर निकाला गया। SPPP पोर्टल पर जानकारी नहीं डाली गई। शिकायतकर्ता ने जब निविदा में भाग लेने की कोशिश की तो अकाउंटेंट मोहम्मद शब्बीर ने धमकाया और ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी दी। यह कार्य भी जयपुर की फर्म IQs Industries को दिया गया।शिकायतकर्ता ने मांग की है कि जब तक निष्पक्ष जांच न हो, तब तक अधिशासी अधिकारी भानुप्रताप सिंह, चेयरमैन रेखा परिहार, अकाउंटेंट मोहम्मद शब्बीर और स्टोर कीपर भूपेन्द्र जैन को निलंबित किया जाए। ठेकेदार की फर्म को ब्लैकलिस्ट किया जाए और पालिका को हुई हानि की भरपाई कराई जाए।