मुकेश खटीक
मंगरोप।हमीरगढ़ थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुये सगतपुरिया के चारभुजानाथ मंदिर में हुई चोरी का खुलासा करते हुए गिरोह के सरगना गोपाल कंजर उर्फ डॉन सहित चार जनों को गिरफ्तार कर किया है।पुलिस ने मंदिर से चोरी हुआ पूरा माल बरामद कर इस गिरोह के मुख्य आरोपी सहित चार जनों को गिरफ्तार कर लिया है।हमीरगढ़ थाना प्रभारी संजय गुर्जर के नेतृत्व में गठित टीम ने सगतपुरिया गांव के चारभुजानाथ मंदिर में 23-24 नवंबर 2024 की मध्य रात्रि में हुई बड़ी चोरी का खुलासा करते हुये चोर गिरोह के सरगना खारोलियाखेड़ा निवासी गोपाल कंजर उर्फ डॉन 25 पुत्र स्व. जगदीशचन्द्र कंजर,शिवपुरा
जवासिया खेडा निवासी राधेश्याम कंजर 20 पुत्र स्व.जगदीश कंजर,भैरू लाल 31 पुत्र श्याम लाल कंजर व सावंरिया उर्फ सांवरा कंजर 19 पुत्र बाबुलाल कंजर को गिरफ्तार किया है।ओज्याड़ा निवासी प्रहलाद कुमार पुत्र नंदलाल श्रोत्रिय ने 24 नवंबर को हमीरगढ़ थाने में रिपोर्ट दी कि सगतपुरिया में चारभुजानाथ मंदिर का वह पुजारी है।23 नवंबर की रात नौ बजे वह मंदिर के पट व तीनों गेटों पर ताले लगाकर घर चला गया।सुबह चार बजे पूजा-अर्चना के लिए लौटा तो तीनों गेटों के ताले टूटे मिले।भगवान के मुकुट बांसुरी गांये सोने चांदी के जैवरात लगभग डेड किलो चांदी व सौना के जैवरात एवं मंदिर के टोकरे बडे लगभग 10-10 किलो वजन,आरती के सामान चोर चोरी कर ले गये ।मंदिर में लगे सीसी टीवी कैमरे की फुटेज देखने पर चार बदमाश चोरी करते कैद मिले।इस रिपोर्ट पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।हमीरगढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस की निरंतर गश्त के बाद भी चोरी की वारदातें हो रही थी।इन वारदातों को पुलिस टीम ने चुनौतीपूर्ण मानकर चोर गिरोह तक पहुंचने के भरसक प्रयास शुरु किये।इसी के तहत मंदिर व आस पास मे लगे करीब 50-80 सीसीटीवी कैमरो को चैक किया।तकनिकी साक्ष्य एकत्रित कर आसुचना संकलित कर मुखबीरो की मदद ली।इस दौरान मिले साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने इस वारदात का खुलासा किया।चोरी गया शत-प्रतिशत माल किया बरामद हमीरगढ़ थाना प्रभारी गुर्जर के नेतृत्व में गठित टीम ने मंदिर चोरी की वारदात का खुलासा तो किया ही है।साथ ही वारदात के तहत चोरी किया गया शत-प्रतिशत माल भी चोर गिरोह की निशानदेही से बरामद कर लिया गया।बरामद माल में दो छत्र,दो मुकुट,चक एक,ढाल एक,तलवार एक,बांसुरी और दो हाथ शामिल हैं।चोर गिरोह दिन के समय में मन्दिरो की रैकी करते हैं।ये उन मंदिरों को चुनते हैं।जिनमें चढावा या जेवरात होते हैं।और उनमें पुजारी और पहरेदार रात में नहीं रहते हो।इसके बाद रात में उन मंदिरों में चोरी करते हैं। चोरी का माल गांव के आस-पास के जंगल में गड्ढे में दबा देते हैं और नई वारदात के लिए रैकी करने लगते हैं।पुलिस के इस वारदात में बदमाशों का लगातार पीछा करने से वे चोरी का माल ठिकाने नहीं लगा पाये।