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हमीरगढ़ को फिर ग्राम पंचायत बनाने की मांग,विरोध में कस्बा आधा दिन रहा बन्द

मुकेश खटीक

मंगरोप।हमीरगढ़ को नगर पालिका से हटाकर फिर से ग्राम पंचायत बनाने की मांग को लेकर रावत युग प्रदीप सिंह राणावत के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।कस्बेवासियों ने सोमवार को आधे दिन का शटडाउन रखकर नगर पालिका के खिलाफ रोष जताया।सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभी दुकानें बंद रहीं।हमीरगढ़ व्यापारिक मंडल,हिन्दू सामाजिक संगठन और मुस्लिम समाज ने बंद का समर्थन किया।सैकड़ों लोग उपखण्ड कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।पूर्व सरपंच प्रतिनिधि रतनलाल मंडोवरा ने बताया कि गहलोत सरकार ने कार्यकाल के अंतिम समय में बिना जनमत लिए हमीरगढ़ को ग्राम पंचायत से नगर पालिका बना दिया। तब से ही लोग इसका विरोध कर रहे हैं। कस्बेवासियों ने मुख्यमंत्री और विधायक लादू लाल पितलिया को ज्ञापन देकर हमीरगढ़ को फिर से ग्राम पंचायत बनाने की मांग की थी। विधायक ने तब रायपुर और हमीरगढ़ दोनों को पुनः ग्राम पंचायत बनाने का आश्वासन दिया था। कुछ समय बाद रायपुर को फिर से ग्राम पंचायत बना दिया गया,लेकिन हमीरगढ़ अब भी नगर पालिका ही है।लोगों का कहना है कि विधायक ने रायपुर में जनता का साथ दिया,लेकिन हमीरगढ़ को नजरअंदाज कर दिया। इससे उनकी दोहरी राजनीति उजागर हुई है।नगर पालिका क्षेत्र में 90% लोग एससी,एसटी और ओबीसी मजदूर वर्ग से हैं।लोगों का कहना है कि पहले ग्राम पंचायत में जो काम कुछ रुपयों में हो जाता था,अब वही काम नगर पालिका में बीस गुना खर्च करने पर भी नहीं हो पा रहा है।नगर पालिका बने ढाई साल हो गए,लेकिन अब तक एक भी बोर्ड बैठक नहीं हुई।कोई आवासीय पट्टा भी जारी नहीं हुआ।प्रशासनिक सेवाएं इतनी जटिल हैं कि आम आदमी समझ नहीं पा रहा।लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।जमीनों के कन्वर्जन में अधिकारी और कर्मचारी निजी लाभ में लगे हैं।जनता का कोई भी काम आसानी से नहीं हो रहा।सरकार ने विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपए दिए,लेकिन कस्बे में कोई विकास नजर नहीं आ रहा।नियम के अनुसार हर तीन महीने में बोर्ड बैठक होनी चाहिए,लेकिन अब तक एक भी बैठक नहीं हुई।अध्यक्ष,अधिशासी अधिकारी और कर्मचारी सरकारी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।ग्राम पंचायत के समय जिन किसानों के बिजली बिल माफ थे,अब उन्हें भारी बिल भरने पड़ रहे हैं।कृषि विभाग से मिलने वाले लाभ भी अब नहीं मिल पा रहे।इस अवसर पर हर्ष प्रदीप सिंह,सुनील व्यास,विक्रम सिंह गोगावत,जगदीश वैष्णव,सुशील भट्ट,पूर्व सरपंच शंकर लाल गुर्जर,राकेश सुथार,राजू आचार्य,तुलसीराम भांड,व्यापार मंडल अध्यक्ष ओम सोनी,शंकर सिंह डोडिया,मोहम्मद इमरान उस्ता,अब्दुल रज्जाक,शब्बीर नीलगर,अब्दुल मुबारिक,पार्षद दुर्गा लाल नायक, हरीश पारीक, सलीम मंसूरी,एडवोकेट श्रीनाथ पाराशर और सुरेश प्रजापत मौजूद रहे।सभी ने एक स्वर में कहा कि हमीरगढ़ की मूल पहचान ग्राम पंचायत की रही है।नगर पालिका बनने के बाद विकास कार्यों में रुकावट आई है।ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ी हैं। इसलिए इसे फिर से ग्राम पंचायत घोषित किया जाए।कस्बेवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि हमीरगढ़ को फिर से ग्राम पंचायत नहीं बनाया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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