— जिले के अंतिम छोर पर स्थित यह अस्पताल बना उदाहरण, मिला राष्ट्रीय मान्यता पत्र
हरनावदाशाहजी।स्मार्ट हलचल|कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने केंद्र सरकार की “लक्ष्य योजना” (LaQshya) के तहत हुए राष्ट्रीय मूल्यांकन में शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणन प्राप्त किया है। यह उपलब्धि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
राष्ट्रीय निरीक्षण टीम द्वारा किए गए मूल्यांकन में अस्पताल 90 प्रतिशत से अधिक मानकों पर खरा उतरा। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई, संक्रमण नियंत्रण, प्रशिक्षित स्टाफ, संसाधनों की उपलब्धता, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, तथा नवजात शिशु सेवाओं का सूक्ष्म परीक्षण किया गया।
हरनावदाशाहजी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जो जिले मुख्यालय से करीब 95 किलोमीटर दूर अंतिम छोर पर स्थित है, ने अपनी सेवा, सुविधा और समर्पण से ब्लॉक में सबसे अधिक प्रसव करने वाले अस्पताल के रूप में पहचान बनाई है। यहां प्रतिमाह 100 से अधिक गर्भवती महिलाओं को भर्ती कर सुरक्षित प्रसव सेवाएं दी जाती हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां बारां जिले के अलावा झालावाड़ व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती राजगढ़ जिले से भी गर्भवती महिलाएं उपचार हेतु आती हैं, जो अस्पताल की सेवाओं में गहराते जनविश्वास का प्रतीक है।
अस्पताल परिसर में उत्तम साफ-सफाई, उचित प्रकाश व्यवस्था, खिड़की पर सुंदर पर्दे, पंखे, पीने के पानी की व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, और 24 घंटे आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है। ये सुविधाएं इस अस्पताल को कई निजी अस्पतालों से भी बेहतर बनाती हैं।
इसके साथ ही, अस्पताल में विभिन्न प्रकार की जांचें और आवश्यक दवाइयाँ पूर्णतः निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा मिल रही है।
चिकित्सा प्रभारी डॉ. रविन्द्र सिंह जादौन ने बताया, “यह उपलब्धि हमारे पूरे स्टाफ की मेहनत और सेवा भावना का परिणाम है। हमारा लक्ष्य है कि अंतिम छोर पर भी महिलाओं को सुरक्षित, गरिमामयी और उत्तम प्रसव सेवाएं मिलती रहें।”
इस सफलता के पीछे सीएमएचओ डॉ. संजीव सक्सेना, आरसीएचओ डॉ. जगदीश कुशवाह और बीसीएमओ डॉ. हरिसिंह मीणा का मार्गदर्शन और प्रशासनिक सहयोग सराहनीय रहा।
इस उपलब्धि में डॉ. विकास कुमार, नर्सिंग ऑफिसर छीतर नागर, एएनएम ज्योति वर्मा, एएनएम रेखा लववंशी सहित पूरे सीएचसी स्टाफ का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा।
जहां एक ओर अस्पताल का स्टाफ इस सफलता से गदगद है, वहीं कस्बेवासियों ने भी गर्व और हर्ष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि यह उपलब्धि क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और सरकार की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का प्रमाण है।
प्रमाणन के पश्चात अस्पताल को अतिरिक्त संसाधन और सुविधाएं मिलने की संभावना है, जिससे प्रसव और नवजात सेवाओं की गुणवत्ता और अधिक मजबूत होगी और दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी भरोसेमंद इलाज मिल सकेगा।