Homeराजस्थानअलवरभित्ति चित्रों से समृद्ध हवेलियां चूरू की पहचान : सुराणा

भित्ति चित्रों से समृद्ध हवेलियां चूरू की पहचान : सुराणा

बजरंग आचार्य

चूरू।स्मार्ट हलचल/युक्ति सामाजिक शोध संस्थान, चूरू व राजस्थान कला, संस्कृति एवं विरासत संरक्षण अभियान के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान दिवस के उपलक्ष में ‘चूरू जिले की हवेली संपदा : वर्तमान दशा व संरक्षण‘ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा, प्रो सुरेन्द्र डी सोनी, राजेश शर्मा, भित्ति चित्र विशेषज्ञ अरविन्द शर्मा, प्रो केसी सोनी आदि अतिथि मंचस्थ रहे। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वजन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम संयोजक नितिन बजाज व संस्था की सांस्कृतिक सचिव सरला राव ने अतिथियों का स्वागत किया।

बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने कहा कि आकर्षक भित्ति चित्रों से समृद्ध हवेलियां हमारे चूरू की पहचान हैं। आगंतुकों के लिए चूरू की हवेलियां विशेष आकर्षण है। हमें इनके संरक्षण के लिए संकल्पित व नियमित प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे शहर व अंचल के बारे में युवा पीढ़ी को संयोजित करने की आवश्यकता है।

परिचर्चा में पर्यटन विभाग बीकानेर संभाग के संयुक्त निदेशक अनिल राठौड़ भी ऑनलाईन माध्यम से जुड़े। उन्होंने कहा कि ऐसी परिचर्चाएं निश्चित ही हवेली संरक्षण में उपयोगी साबित होगी। परिचर्चाओं से धरोहर संरक्षण के सकारात्मक प्रयास करने से निश्चित तौर पर हम अपनी समृद्ध विरासत के सहेज पाएंगे।

मुख्य वक्ता प्रो डॉ सुरेन्द्र डी. सोनी ने कहा कि हवेलियां की दुर्दशा का मुख्य कारण इनकी उपेक्षा है क्योंकि मालिक व्यवसाय के लिए बाहर रहते हैं और इनकी सार संभाल करने वाला कोई नहीं है। हमें इनके संरक्षण के लिए संकल्पित होकर प्रयास करने होंगे।
परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भित्ति चित्रा विशेषज्ञ अरविन्द शर्मा ने कहा कि हमारी हवेलियों के निर्माताओं को सम्मान दें तथा ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण के लिए सार्थक प्रयासों में संयोजित करें। हवेली व विरासत संरक्षण केवल सरकारों का ही दायित्व नहीं है, हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।

विशिष्ट अतिथि महणसर के राजेश शर्मा ने कहा कि अगर हवेलियों को पर्यटन से जोड़ते हैं तो यह एक बहुत अच्छा व्यवसाय बन सकता है और इनका संरक्षण भी हो सकता है।
अनुराग शर्मा ने कहा कि हवेली निर्माण में जिस मेटेरियल का उपयोग होता था, वह भौगोलिक स्थिति के अनुसार होता था। इसी कारण हवेलियों में रोशनी व तापमान उचित मात्रा में होते थे।

परिचर्चा का सारांश प्रो डॉ के सी सोनी ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि चूरू जिले में पर्यटकों के लिए स्वागत केन्द्र आदि के विकास की आवश्यकता है। क्षेत्रीय विरासत व धरोहर से रूबरू होने पर उनके संरक्षण के प्रयास भी अधिक सार्थक परिणामों देंगे।
सुचित्रा कस्वां ने आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर में नगरश्री सचिव श्यामसुन्दर शर्मा, मेघराज बजाज, हरिमोहन दाधीच, राजीव बहड़, गुरूदास भारती, मुन्नी डागा, पूजा सोनी, नरेन्द्र शर्मा, ओमप्रकाश तंवर, शिवकुमार सैनी, सत्यनारायण व्यास, छत्रसिंह डागा सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य जन उपस्थित रहे। संचालन संस्था अध्यक्ष एडवोकेट रमेश सोनी ने किया।

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