डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, 31 जुलाई तक मनाया जाएगा डेंगू माह
(महेन्द्र नागौरी)
भीलवाडा/स्मार्ट हलचल/मानसून एवं प्री-मानसून काल में फैलने वाले डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए भारत सरकार से मिले दिशा निर्देशों व जिला कलक्टर नमित मेहता द्वारा दिये गये निर्देशानुसार चिकित्सा विभाग द्वारा जुलाई माह को चिकित्सा विभाग अब एंटी डेंगू माह के रूप में मना रहा है। इस दौरान डेंगू रोकथाम और नियंत्रण के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन जिला व ब्लॉक स्तर पर किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतेन्द्र पुरी गोस्वामी ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम व नियंत्रण के लिए आमजन से अपील करते हुए कहा है कि बरसात के मौसम में आमजन चिकित्सा क्षेत्र के विभागीय कर्मियों का सहयोग कर उनका साथ दें। साथ ही अपने घरों में कूलर, गमले, परिंडें, डिग्गी, छत पर पड़े खाली टायर, मटके आदि की सफाई रखे। जिससे कि मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण रखा जा सके। अनावश्यक पानी न बहाएं ताकि पानी एकत्रित न हो और मच्छर न पनपे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष जुलाई माह को डेंगू रोकथाम (एंटी डेगू) माह के रुप में मनाया जाता है। इस दौरान पूरे जुलाई माह में इस बीमारी से बचाव के लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ ही अनैकों गतिविधियां फिल्ड में आयोजित की जा रही है।
इस दौरान मौसमी बीमारियों के बचाव व रोकथाम के लिए क्षेत्र में टीमों के माध्यम से जागरूकता फैलाकर एन्टीलार्वल गतिविधियां आयोजित की जा रही है। इस दौरान वेक्टर सर्विलैंस के तहत मच्छर के संभावित प्रजनन स्थलों की मैपिंग व प्रजनन स्थलों की समाप्ति के लिए फील्ड वर्कर्स, डीबीसी का प्रभावी उपयोग तथा प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए समुदाय, हितधारकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सामुदायिक सहभागिता से मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए आईईसी जागरुकता गतिविधिया व जनसमुदाय को सोर्स रिडक्शन गतिविधियों के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बच्चों के बीच रोकथाम और नियंत्रण प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूली विद्यार्थियों को शामिल कर विशेष गतिविधियों जैसे प्रश्नोत्तरी, निबंध, ड्राइंग, पोस्टर प्रतियोगिताएँ आदि आयोजित की जायेगी। इस दौरान सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग कर आमजन को जागरूकता किया जा रहा है। ग्रामीण विकास, स्वायत्त शासन विभाग, स्कूल शिक्षा के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों, भागीदारों, स्थानीय एवं धार्मिक नेताओं आदि से मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम व बचाव के लिए अन्त र्विभागीय समन्वय स्थापित कर कार्य किये जाएगें।