बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। भीषण आगजनी के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। वहीं, हालात इतने बदतर हो गए है कि देश में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। भीड़ ने यहां के कम से कम 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हमला किया और उनके कीमती सामान भी लूट लिए। वहीं, देशभर में कम से कम चार मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई है।
बांग्लादेश में सोमवार को उस समय अराजकता फैल गई थी, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था और सैन्य विमान से देश छोड़कर चली गईं। हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में स्थित हसीना के आवास ‘सुधा सदन’ और अन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर तोड़फोड़ और आगजनी की। हसीना की अवामी लीग सरकार के मंत्रियों, पार्टी सांसदों और नेताओं के ढाका और ढाका के बाहर स्थित आवासों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया।
इस लिस्ट के अनुसार, शेरपुर में श्रीबर्डी उपजिला युवा एकता परिषद के अध्यक्ष के घर पर हमला किया गया, तोड़फोड़ हुई और लूटपाट भी की गई। इसके अलावा खुलना के रूपसा थाना क्षेत्र के हाईगेट गाँव में श्यामल कुमार दास और स्वजन कुमार दास के घर पर हमला हुआ।
खुलना शहर के ही टूटपारा में खुलना जिला एकता परिषद के अध्यक्ष बिमन बिहारी अमित और युवा एकता परिषद के अध्यक्ष अनिमेष सरकार रिंकू के घर पर हमला हुआ। डाकोप के आमतली बनिसंता में जयंत गेन के घर और कोयरा के दारपारा में भी अल्पसंख्यकों पर हमला हुआ। उनके घरों में तोड़फोड़ की गई और लूटपाट की गई।
हिंदू मंदिरों पर हुए हमले
विभिन्न स्थानीय मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी और विभिन्न अन्य स्थानों पर हिंदू मंदिरों पर हमलों, हिंसा और व्यापक लूटपाट के कारण 119 लोग मारे गए हैं। बांग्ला भाषा के दैनिक समाचार पत्र ‘प्रथम आलो’ ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़पों में कम से कम 109 लोग मारे गए। इससे पहले, समाचार पत्र ने रविवार दोपहर 12 बजे तक 98 लोगों की मौत होने की सूचना दी थी और रविवार आधी रात को 16 और लोगों की जान जाने की सूचना मिली। उसने बताया कि रविवार को कुल 114 लोगों की मौत हुई। समाचार पत्र ने कहा, ‘‘इसके साथ ही 16 जुलाई से कल तक 21 दिन में हिंसा में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 440 हो गई है।’’ उसने कहा कि सोमवार को सुबह 11 बजे से रात आठ बजे के बीच 37 शव ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए गए। समाचार पत्र ने अस्पताल सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि 500 घायलों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से कई को गोलियां लगी थीं।