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मनरेगा को संपूर्ण खेती से जोड़े जाने का सुझाव पत्र दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मेघवाल को सौंपा

बन्शीलाल धाकड़

स्मार्ट हलचल ,दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री एवं किसान नेता सोहन लाल आंजना द्वारा किसानों एवं आम जनता के कई मुद्दों को लेकर दिल्ली में अलग-अलग नेताओं को मांग एवं सुझाव पत्र सौंपे गये,जिसमें किसानों एवं मजदूरों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मनरेगा से संपूर्ण कृषि को जोड़ने का है। उन्होंने भारत सरकार के संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को सुझाव पत्र दिया जिसमें गांवो में पिछले 2 वर्षों में की गई 800 धूणी चौपालों से उठी मांग को लिखा है,आंजना ने सुझाव पत्र में कहा है कि मनरेगा योजना का देश हित में परिवर्तन करना आवश्यक है जिसमे देश का लाखों करोड़ों रुपए का बजट प्रतिवर्ष लगाया जा रहा है और उसका पूरा उपयोग ठीक से नहीं हो पा रहा है, मजदूरों को गेंती, फावड़े से काफी हार्ड वर्क करना पड़ता है, और किसान भी समय पर मजदूर नहीं मिलने से काफी परेशानी में है। इसलिए भारत सरकार मनरेगा को संपूर्ण कृषि से जोड़ने का प्राथमिकता से विचार करें यदि मनरेगा को संपूर्ण कृषि से जोड़ दिया जाता है और मनरेगा से मजदूरों के माध्यम से जो नदी,नालों एवं तालाबों के गहरीकरण के साथ-साथ आम रास्तो का निर्माण किया जाता रहा है वह काम एवरेज 100 रुपए का 10 रुपए में मशीनों द्वारा आसानी से किया जा सकता है और जो प्रति 100 रुपए में से 90 रुपए बचेंगे उस पैसे का उपयोग सीधा सीधा किसानों के खाते में डाल कर मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को किसानों के खेती करने हेतु फसल बुवाई, निंदाई, गुड़ाई,फसल कटाई एवं फसल निकालने में लगाया जाए जिससे की किसानों को जो कृषि घाटे का सौदा लग रहा है वह एकदम लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य में परिवर्तित हो जाएगी और मजदूर को जो नरेगा में कम मजदूरी मिलती हैं वही किसान के खेत में काम करने से पूरी मजदूरी मिल पाएगी,जो मजदूर है और उसके खेती भी है तो वह स्वयं के खेत पर काम करके भी नरेगा का पैसा ले पाएगा, जो प्रति सो रुपए का काम नरेगा में मशीनों से हो जाएगा तो नरेगा में जो प्रति सो रुपए पर नब्बे रुपए बचेगा वह किसान के खाते में डाला जाएगा और उसमें किसान अपनी तरफ से ओर पैसा मिला कर मजदूरों को पूरी मजदूरी देगा जिससे किसान भी आबाद होगा और मजदूर भी आबाद होगा,इसमें सरकार को अलग से बजट की व्यवस्था भी करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी,साथ में यह भी कहा कि मनरेगा के हार्ड वर्क को करने से मजदूरों को काफी परेशानी आती है और पूरी मजदूरी भी नहीं मिल पाती है साथ साथ मनरेगा में मजदूर काम करते हैं तो खेती में भी किसान को मजदूर समय पर पूरे नहीं मिलते हैं जिससे काफी परेशानियां है, देश की बहुत बड़ी समस्या समाधान मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ने से दूर हो पाएगी वही देश बहुत तेज गति से उन्नति कर जाएगा,आंजना ने कहा कि गांव गांव गली मोहल्ले में की गई धूणी चौपालों से आई इस आवाज पर सरकार को मंथन करके किसी ठोस निर्णय पर जाने का हम सुझाव देते है।

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